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कर्नाटक देश का पहला राज्य बना, जिसने इच्छामृत्यु के अधिकार को कानूनी मान्यता दी
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सुप्रीम कोर्ट को राज्य सरकार ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर सूचित किया
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इच्छामृत्यु से संबंधित यह निर्णय संविधान और नैतिकता पर बड़ी बहस छेड़ सकता है
Karnataka legalizes euthanasia: कर्नाटक भारत का पहला राज्य बन गया है, जिसने अपने नागरिकों को स्वेच्छा से मृत्यु चुनने का अधिकार दिया है। राज्य सरकार ने इच्छामृत्यु को कानूनी रूप से मान्यता देते हुए इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। सुप्रीम कोर्ट को भी इस फैसले से अवगत करा दिया गया है। इस निर्णय के तहत, कोई भी व्यक्ति अपनी गंभीर, लाइलाज बीमारी या असहनीय पीड़ा के कारण चिकित्सा विशेषज्ञों की सलाह और कानूनी प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद इच्छामृत्यु का विकल्प चुन सकता है।
राज्य सरकार के इस निर्णय ने देशभर में संवैधानिक और नैतिक बहस को जन्म दे दिया है। इच्छामृत्यु का मुद्दा लंबे समय से भारत में चर्चा का विषय रहा है, और इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट भी पहले कई बार दिशा-निर्देश जारी कर चुका है। हालांकि, यह पहली बार है जब किसी राज्य ने इसे कानूनी रूप से मान्यता दी है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह कानून मरीजों की पीड़ा को कम करने का एक मानवीय प्रयास है, लेकिन इसके दुरुपयोग की संभावना भी बनी रहेगी। सरकार ने इस कानून के तहत इच्छामृत्यु के लिए सख्त दिशानिर्देश जारी किए हैं, ताकि इसे अनैतिक रूप से प्रयोग न किया जा सके। अब देखना यह होगा कि अन्य राज्य भी इस दिशा में कदम उठाते हैं या नहीं, और सुप्रीम कोर्ट इस पर क्या रुख अपनाता है।