केरल, कर्नाटक और महाराष्ट्र में बारिश और बाढ़ का कहर जारी है। पिछले 72 घंटों में तीनों राज्यों में 93 जानें जा चुकी हैं। बाढ़ और बारिश से केरल में इस मॉनसून के दौरान 42 लोगों की मौत हो चुकी है। केरल के वायनाड और मलप्पुरम में भूस्खलन के चलते 40 लोग अभी भी फंसे हैं जिससे मौत का आंकड़ा और बढ़ने की आशंका है। यहां खराब मौसम के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन बाधित हो रहा है। रेस्क्यू ऑपरेशन में सेना और एनडीआरएफ की मदद ली जा रही है। तमिलनाडु में भी बारिश के चलते 5 की मौत हो चुकी है। भारतीय सेना, नेवी और एयरफोर्स के जवान राहत कार्य में जुटे हैं। बाढ़ प्रभावित चार राज्यों के 16 जिलों में 123 रेस्क्यू टीमें फंसे हुए लोगों को मदद पहुंचा रही हैं।
केरल में इस मॉनसूनी बारिश का विकराल रूप पिछले साल वाली अगस्त त्रासदी की दर्दनाक यादें ताजा कर रही है। शुक्रवार को केरल में 27 जबकि 7 लोगों की मौत शनिवार को हो गई। यहां पिछले 72 घंटे में कुल मिलाकर 42 लोगों की जान चली गई। यहां वायनाड और मलप्पुरम में बड़े भूस्खलन के चलते अभी 40 लोग फंसे हुए हैं जिससे मौत का आंकड़ा बढ़ने की आशंका है। रेस्क्यू टीमें यहां पहुंच चुकी हैं लेकिन खराब मौसम के कारण बचाव अभियान में खलल पैदा हो रही है।
कर्नाटक के बगलकोट, रायचूर, बेलगाम और कलबुर्गी जिलों में 33 राहत टीमें और इंजिनियरों के 31 टास्क फोर्स बाढ़ से प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के काम में जुटे हैं। वहीं केरल में 24 राहत टीमों के साथ 8 इंजिनियर टास्क फोर्स को अलेप्पी, एर्नाकुलम, पथानमथिट्टा, इदुक्की, मलप्पुरम, वायनाड, कन्नूर और कोझिकोड में राहत और बचाव के काम में लगाया गया है।