लखीमपुर हिंसा को लेकर किसानों और अधिकारियों के बीच समझौता होने की खबर सामने आई है। समझौते के अनुसार सरकार हिंसा में मारे गए लोगों के परिवारों को 45-45 लाख रुपये मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देगी। वहीं, हिंसा में घायल हुए लोगों को 10 लाख रुपये दिए जाएंगे। साथ ही सरकार ने घटना की न्यायीक जांच करने का भी भरोसा दिया है। ये जांच हाईकोर्ट के रिटायर्ट जज करेंगे।
बदा दें कि रविवार को किसान यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के खीरी दौरे से पहले किसान तिकुनिया में काले झंडे दिखाने के लिए खड़े थे। इस दौरान किसानों और बीजेपी नेताओं में झड़प हो गई। खबर है कि इस दौरान केंद्रीय मंत्री के बेटे ने किसानों पर गाड़ी चढ़ा दी जिससे चार किसानों की मौत हो गई। इसके बाद गुस्साए किसानों ने गाड़ी को आग के हवाले कर दिया और किसान और बीजेपी नेताओं के बीच हिंसक झड़प शुरू हो गई। इस हिंसक झड़प में 4 किसानों सहित 8 लोगों की मौत हो गई जबकि कई लोग घायल हुए हैं।
वहीं, हिंसा को लेकर सभी विपक्षी दलों के नेताओं ने सरकार के खिलाफ आक्रामक रुख अपना लिया। हिंसा को लेकर पूरे इलाके में तनाव की स्थिति बन गई है। प्रियंका गांधी समेत सभी दलों के विपक्षी नेता मौके पर जाने पर अड़े हैं। किसानों के साथ खड़ा होने के लिए निकली कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को सीतापुर के हरगांव से गिरफ्तार कर सीतापुर पुलिस लाइन ले जाया गया। जबकि अखिलेश यादव, सतीश मिश्र और शिवपाल यादव को हाउस अरेस्ट किया गया।