भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास गुरुवार यानी आज मौद्रिक नीति पर बैठक में हुए फैसले के बारे में बता रहे हैं। केंद्रीय बैंक ने प्रमुख नीतिगत दर रेपो को चार प्रतिशत पर बरकरार रखा है। यह लगातार 10वीं बार है जब नीतिगत दर को रिकॉर्ड निचले स्तर पर कायम रखने का फैसला किया गया है। यानी लोन EMI पर राहत के लिए ग्राहकों को अभी और इंतजार करना होगा। दरअसल, रेपो रेट में कटौती के बाद बैंकों पर ब्याज दर कम करने का दबाव होता है। बैंक ब्याज दर में कटौती करते हैं तो ईएमआई भी कम हो जाती है।
दास ने कहा कि रेपो रेट बिना किसी बदलाव के साथ 4% रहेगा। एमएसएफ रेट और बैंक रेट बिना किसी बदलाव के साथ 4.25% रहेगा। रिवर्स रेपो रेट भी बिना किसी बदलाव के साथ 3.35% रहेगा। जीडीपी के बारे में भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि 2022-23 के लिए रियल जीडीपी ग्रोथ 7.8% रहने का अनुमान है।
दास ने कहा कि तीसरी महामारी की लहर के कारण आर्थिक गति का कुछ नुकसान हुआ। वित्त वर्ष 22 में 9.2 प्रतिशत की वास्तविक जीडीपी वृद्धि अर्थव्यवस्था को महामारी से पहले के स्तर से ऊपर ले जाएगी।
उन्होंने महंगाई पर चिंता जताते हुए कहा कि चालू तिमाही में मुद्रास्फीति चरम पर है और अगले वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में इसमें नरमी आने की उम्मीद है। 2022-23 के लिए सीपीआई मुद्रास्फीति 4.5% रहने का अनुमान है। आरबीआई गवर्नर ने बैंकों से पूंजी बढ़ाने, जोखिम प्रबंधन में सुधार करने का आह्वान किया। उन्होंने बताया कि कुल मिलाकर सिस्टम लिक्विडिटी बड़े सरप्लस में बनी हुई है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने ई-रुपये प्रीपेड डिजिटल वाउचर के तहत कैप को बढ़ा दिया है। राज्यपाल शक्तिकांत दास ने गुरुवार को कहा कि 10,000 रुपये की वर्तमान सीमा को बढ़ाकर 1 लाख रुपये प्रति वाउचर और एक से अधिक बार किया जाएगा।
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