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मन की बात: तीन तलाक पर पीएम मोदी ने मुस्लिम महिलाओं दिया भरोसा, ‘न्याय दिलाने के लिए देश साथ खड़ा है’

डेस्क |

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ऑल इंडिया रेडियो पर प्रसारित होने वाले अपने 'मन की बात ' कार्यक्रम के जरिए देशवासियों को संबोधित किया। इस मासिक कार्यक्रम के 47वें संस्करण में पीएम मोदी ने सबसे पहले देशवासियों को रक्षाबंधन के पर्व की बधाई दी।

पीएम मोदी ने कहा, 'आज पूरा देश रक्षाबंधन का त्योहार मना रहा है। सभी देशवासियों को इस पावन पर्व की बहुत-बहुत शुभकामनाएं। यह पर्व बहन और भाई के आपसी प्रेम और विश्वास का प्रतीक माना जाता है।

वहीं, केरल में बाढ़ पर भी पीएम मोदी ने बात रखी। उन्होंने कहा कि केरल में भीषण बाढ़ ने जन-जीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। आज इन कठिन परिस्थितियों पूरा देश केरल के साथ खड़ा है। जिन्होंने अपनों को गंवाया है, उन परिवारों के साथ हमारी संवेदनाएं हैं।

उन्होंने राहत बचाव कार्य की तारीफ करते हुए सशस्त्र बलों की जमकर प्रशंसा की। पीएम मोदी ने कहा, 'सशस्त्र बलों के जवान केरल में चल रहे बचाव कार्य के नायक हैं। उन्होंने बाढ़ में फंसे लोगों को बचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

अटल बिहारी वाजपेयी को किया याद

पीएम मोदी ने बताया कि इस बार देश के अलग-अलग कोने से लोगों ने कार्यक्रम में अटल बिहारी वाजपेयी के विषय पर बोलने की अपील की। पीएम मोदी ने कहा, '16 अगस्त को जैसे ही देश और दुनिया ने अटल जी के निधन का समाचार सुना, हर कोई शोक में डूब गया। एक ऐसे राष्ट्र नेता, जिन्होंने 14 साल पहले प्रधानमंत्री पद छोड़ दिया था।

तील तलाक पर भी बोले पीएम

महिला सुरक्षा की बात करते हुए पीएम मोदी ने बताया कि दुष्कर्म के दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई के लिए संसद में कानून लाया गया। मध्य प्रदेश के मंदसौर में अदालत ने बहुत कम वक्त में दोषी को फांसी की सजा सुनाई। ऐसी घटनाओं का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने आगे तीन तलाक से संबंधित बिल का भी जिक्र किया।

उन्होंने कहा कि यह बिल लोकसभा में पास हो गया है, अभी राज्यसभा से पास होना है। पीएम ने कहा, 'मैं मुस्लिम महिलाओं को विश्वास दिलाता हूं कि पूरा देश उन्हें न्याय दिलाने के लिए खड़ा है।

पीएम मोदी ने इस दौरान कहा कि देश की नारी शक्ति के खिलाफ कोई भी सभ्य समाज किसी भी प्रकार के अन्याय को बर्दाश्त नहीं कर सकता। बलात्कार के दोषियों को देश सहन करने के लिए तैयार नहीं है, इसीलिए संसद ने आपराधिक कानून संशोधन विधेयक को पास कर कठोरतम सजा का प्रावधान किया है।