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पीएम मोदी समेत कई नेताओं ने दी महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि

डेस्क |

महात्मा गांधी की 153वीं जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली के राजघाट पर उन्हें श्रद्धांजलि दी.

पीएम मोदी ने महात्मा गांधी के दाह संस्कार के स्थान को चिह्नित करने वाले काले संगमरमर के मंच के अंत में जलती हुई शाश्वत लौ के सामने पुष्पांजलि अर्पित की और नमन किया. बाद में, उन्होंने उस पवित्र स्थान की परिक्रमा की, जो 31 जनवरी 1948 को महात्मा गांधी के अंतिम संस्कार का प्रतीक है.

वहीं, उनके आगमन ने राष्ट्र निर्माण में महात्मा गांधी के योगदान की स्मृति में गांधी स्मृति में कार्यक्रम की शुरुआत को चिह्नित किया. कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गांधी स्मृति को पुष्पांजलि अर्पित की.

उनके ‘वैष्णव जंतो तेरे कहिए’ जैसे भजनों से लेकर उनकी शिक्षाओं तक, दर्शकों को कार्यक्रम में महात्मा गांधी के व्यक्तित्व से खुद को परिचित कराने का मौका मिला.

धर्म निरपेक्षता का एक और उदाहरण पेश करते हुए, समारोह में विभिन्न धर्मो के धार्मिक विद्वान भी शामिल हुए, जिन्होंने महात्मा गांधी के लिए प्रार्थना की, और कई लोगों ने स्वतंत्र भारत और ‘स्वराज’ के विचार पर महात्मा गांधी की शिक्षा को जीवंत किया.

इसी के साथ गांधी स्मृति में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, पीएम नरेंद्र मोदी के साथ, कई मंत्रियों और प्रतिष्ठित हस्तियों ने भी महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी. उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और वरिष्ठ राजनेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी इस अवसर पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी.

महात्मा गांधी की जयंती भारत के पूर्व प्रधान मंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती के साथ मेल खाती है. 2 अक्टूबर 1869 को जन्मे मोहनदास करमचंद गांधी पेशे से वकील थे, लेकिन उन्होंने ब्रिटिश शासन से आजादी के लिए अहिंसक प्रतिरोध के रास्ते पर देश का नेतृत्व करना चुना.

अहिंसक प्रतिरोध के लिए उनके संघर्ष ने उन्हें शांति और अहिंसा के अग्रदूत होने के लिए वैश्विक पहचान दिलाई.

गांधी को पहली बार 1914 में दक्षिण अफ्रीका में ‘महात्मा’ से सम्मानित किया गया था. अब, उन्हें दुनिया भर में महात्मा गांधी के नाम से जाना जाता है. उनकी जयंती दुनिया भर में मनाई जाती है और भारत में राष्ट्रीय अवकाश होता है. भारत की स्वतंत्रता के बाद, 30 जनवरी 1984 को दिल्ली में एक अंतर धार्मिक प्रार्थना सभा में महात्मा गांधी को नाथूराम गोडसे ने उनके सीने में तीन गोलियां मारकर गोली मार दी थी.