बिहार के प्रवासी मजदूरों पर आंतकी हमले के बाद कश्मीर में सुरक्षाकर्मियों ने एहतियातन कदम उठाते हुए रातों-रात हजारों मजदूरों को सुरक्षित जगहों पर स्थनांतरित कर दिया है। वहीं, बहुत से प्रवासी मजदूर अपना बोरिया बिस्तरा बांध कर अपने गृह प्रदेश जा चुके हैं या फिर जाने की तैयारी में हैं।
अक्टूबर के महीने में आंतकी 11 सिविलियनों की हत्या कर चुके हैं जिनमें 5 प्रवासी मजदूर हैं। अफगानिस्तान में तालीबान के कब्जे के बाद से ही कश्मीर में आंतकी गतिविधियां बढ़ गई हैं। आतंकियों ने भारतीय सेना को भी निशाना बनाया है। आतंकवादियों की बढ़ी सक्रियता के बाद सेना ने आतंकियों को खत्म करने के लिए घाटी में बड़ा ऑपरेशन चलाया है। पुलिस और अन्य सुरक्षाकर्मियों ने भी अपनी सक्रियता बढ़ा दी है।
आपको बता दें कि प्रवासी मजदूरों को सुरक्षित जगहों पर भेजने का फैसला बिहार के मजदूरों पर रविवार को हुए हमले के बाद लिया गया है। कुलगाम में हुए इस हमले में आतंकियों ने दो लोगों की गोली मार कर हत्या कर दी और एक आदमी को घायल कर दिया था।
कश्मीर में इस बार आतंकी प्रवासी मजदूरों के साथ-साथ हिंदुओं और सिख समुदाओं को भी निशाना बना रहे हैं।
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