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NCERT ने 7वीं की किताबों से मुगल सल्तनत हटाई, मेक इन इंडिया और महाकुंभ जैसे नए टॉपिक्स जोड़े

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  • NCERT ने कक्षा 7वीं की हिस्ट्री और जियोग्राफी की किताबों से मुगल और दिल्ली सल्तनत के टॉपिक्स हटाए

  • नई किताब ‘Exploring Society – India and Beyond Part 1’ में मेक इन इंडिया और बेटी बचाओ जैसे टॉपिक्स शामिल

  • तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने NEP के तीन भाषा फार्मूले पर केंद्र सरकार की आलोचना दोहराई



NCERT Changes 2025: नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) ने कक्षा 7वीं के छात्रों के लिए इतिहास और भूगोल की किताबों में बड़ा बदलाव कर दिया है। नई किताबों से मुगल सल्तनत, दिल्ली सल्तनत, तुगलक, खिलजी, लोधी व अन्य मुगल शासकों से जुड़े अध्याय हटा दिए गए हैं। इनके स्थान पर मेक इन इंडिया, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, और महाकुंभ जैसे विषयों को जोड़ा गया है।

NCERT ने इन बदलावों को नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क फॉर स्कूल एजुकेशन (NCFSE) 2023 के तहत किया है, जिसे राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के अनुरूप डिजाइन किया गया है। नए सिलेबस को अगले सत्र यानी 2025-26 से लागू किया जाएगा।

फिलहाल, NCERT ने केवल पार्ट-1 जारी किया है। किताब का नाम ‘Exploring Society – India and Beyond Part 1’ रखा गया है। इसमें इतिहास, भूगोल और सामाजिक एवं राजनीतिक जीवन की पहले अलग-अलग चल रही तीन किताबों को मिलाकर एक पुस्तक बनाई गई है। हालांकि यह अब तक स्पष्ट नहीं किया गया है कि दूसरे पार्ट में हटाए गए टॉपिक्स वापस शामिल होंगे या नहीं।

गौरतलब है कि कोविड-19 महामारी के दौरान भी NCERT ने मुगल और दिल्ली सल्तनत के कुछ टॉपिक्स में कटौती की थी। अब इन्हें किताबों से पूरी तरह हटा दिया गया है

इससे पहले NCERT ने अंग्रेजी विषय की किताबों के नामों में भी बदलाव किया था। कक्षा 1 और 2 की अंग्रेजी किताब ‘Marigold’ का नाम बदलकर ‘मृदंग’, कक्षा 3 की किताब का नाम ‘संतूर’, और कक्षा 6 की किताब ‘Honeysuckle’ का नाम बदलकर ‘पूर्वी’ कर दिया गया है। गणित की किताब का नाम अब हिंदी और अंग्रेजी दोनों में ‘गणित’ ही रहेगा।

इन बदलावों पर राजनीतिक प्रतिक्रिया भी आई है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया कि तीन भाषा फार्मूले को लागू न करने की वजह से केंद्र ने तमिलनाडु के स्कूलों को वित्तीय सहायता देने से इनकार किया था। स्टालिन पहले भी NCERT और NEP पर हिंदी थोपने का आरोप लगा चुके हैं।

नई किताबों में जहां एक ओर सरकारी पहलों और राष्ट्रीय पर्वों को प्राथमिकता दी गई है, वहीं मध्यकालीन भारतीय इतिहास के महत्वपूर्ण अध्यायों को हटाए जाने पर इतिहासकारों और शिक्षाविदों के बीच बहस छिड़ गई है