कोरोना संकट पर विपक्ष के नेताओं की एक बड़ी बैठक शुक्रवार 22 मई को दोपहर 3 बजे होगी । बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, एनसीपी नेता शरद पवार, डीएमके नेता एमके स्टालिन समेत 15 राजनीतिक दलों के नेता हिस्सा लेंगे । हालांकि, अभी साफ नहीं है कि इस बैठक में कांग्रेस की ओर कोई प्रतिनिधि हिस्सा लेगा या नहीं । माना जा रहा है कि इस बैठक में कोरोना और लॉकडाउन को लेकर मोदी सरकार की ओर से उठाए गए कदमों के बारे में बात होगी और सरकार की ओर से राज्य सरकारों के साथ किए जा रहे बर्ताव पर चर्चा की जाएगी ।
पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक में सीएम ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा था कि ऐसे वक्त में केंद्र को राजनीति नहीं करनी चाहिए । उन्होंने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में राज्य अच्छा काम कर रहा है । केंद्र को समझना चाहिए कि बंगाल में अंतरराष्ट्रीय सीमा लगती है । इससे पहले 26 अप्रैल को सीएम उद्धव ठाकरे ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा था, 'हमने केंद्र से दाल मांगी, क्योंकि हम अपने राज्य में खाद्य सुरक्षा कानून के तहत लोगों को अनाज देते हैं, लेकिन हमारे पास सिर्फ चावल है । इसलिए हमने दाल और गेहूं की मांग की है जो हमें अब तक नहीं मिली । मुझे लगता है कि दाल में कुछ काला है लेकिन दाल तो आने दो ।
माना जा रहा है कि इन सभी मुद्दों को लेकर ममता बनर्जी, उद्धव ठाकरे और विपक्ष के नेता अपनी रणनीति बनाएंगे . साथ ही राज्यों की ओर से केंद्र से मांगे गए राहत पैकेज पर भी चर्चा हो सकती है । अभी तक राज्यों के लिए केंद्र की ओर से राहत पैकेज का ऐलान नहीं किया गया है ।