<p>जाने-माने साहित्यकार पदमश्री शम्सुर रहमान साहब का 85 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। आज 11:30 बजे उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। उनके निधन से सिर्फ प्रयागराज बल्कि संपूर्ण भारतवर्ष के साहित्य जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। बता दें की बीते कुछ दिन पहले वह कोरोना पॉजिटिव हो गए थे। लेकिन, इससे ठिक होने के बावजूद उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं था, इसलिए डॉक्टरों ने उन्हें घर ले जाने की सलाह दी थी।</p>
<p><img src=”/media/gallery/images/image(8084).jpeg” style=”height:90px; width:743px” /></p>
<p>साहित्यकार शम्सुर रहमान का जन्म 30 सितंबर 1935 में प्रयागराज(तब इलाहाबाद) में हुआ था। उन्होंने 1955 में इलाहाबाद विश्वविद्याल से अंग्रेजी में (एमए) की डिग्री ली थी। उनके माता-पिता अलग-अलग पृष्ठभूमि के थे – पिता देवबंदी मुसलमान थे जबकि मां का घर काफी उदार था। उनकी परवरिश उदार वातावरण में हुई, वह मुहर्रम और शबे बारात के साथ होली भी मनाते थे।</p>
<p>शम्सुर फारुकी कवि, उर्दू आलोचक और विचारक के रूप में प्रख्यात हैं। उनको उर्दू आलोचना के टीएस इलिएट के रूप में माना जाता है और सिर्फ यही नहीं उन्होंने साहित्यिक समीक्षा के नए प्रारूप भी विकसित किए हैं। इनके द्वारा रचित एक समालोचना तनकीदी अफकार के लिए उन्हें सन् 1986 में साहित्य अकादमी पुरस्कार (उर्दू) से भी सम्मानित किया गया है।</p>
<p> </p>
नाहन। उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने आज जिला सिरमौर के श्री रेणुका जी विधान सभा…
Shimla: डॉ. वाईएस परमार ऋण योजना को सुक्खू सरकार ने विस्तार दिया है। योजना…
Shimla: संजौली अवैध मस्जिद विवाद शांत नहीं हुआ है। 28 सितंबर को देवभूमि संघर्ष…
Mandi: मंडी के गोहर में एक कार्यक्रम में सांसद कंगना ने कांग्रेस के शीर्ष…
Sirmour: उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने आरोप लगाया है कि भाजपा के केंद्रीय व प्रदेश…
Hamirpur: ग्राम पंचायत दडूही में सोमवार को स्वच्छ भारत मिशन के तहत स्वच्छता पखवाड़ा…