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भारत की जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान के 22 सैन्य और आतंकी ठिकानों को नुकसान
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ऑपरेशन सिंदूर में पीओके सहित कई आतंकी शिविर तबाह, एयर डिफेंस सिस्टम निष्क्रिय
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अमेरिका ने मध्यस्थता का दावा किया, लेकिन भारत ने किया इनकार, बातचीत की पहल पाकिस्तान ने की
Pakistan military defeats: पाकिस्तान ने आखिरकार संघर्ष विराम की गुहार लगाई और भारत ने सशर्त नहीं, बल्कि सख्त आत्मविश्वास के साथ इसे स्वीकार किया। 16 अप्रैल को शुरू हुआ तनाव 25 अप्रैल को ऑपरेशन सिंधु जल और फिर 6-7 मई की रात ऑपरेशन सिंदूर के बाद निर्णायक मोड़ पर आ गया। भारत ने जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान के 13 सैन्य और 9 आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया। इन हमलों में जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल के कई कैंप पूरी तरह तबाह हो गए।
पाकिस्तान की ओर से 8 से 10 मई के बीच ड्रोन और मिसाइल हमलों की नाकाम कोशिशें हुईं, लेकिन भारत की एयर डिफेंस प्रणाली ने उन्हें नाकाम कर दिया। जवाब में भारत ने पाकिस्तान के सियालकोट, लाहौर, स्कर्दू, भोलारी जैसे सैन्य अड्डों को निशाना बनाया और एयर डिफेंस सिस्टम को पूरी तरह निष्क्रिय कर दिया।
इस कूटनीतिक और सैन्य दबाव में पाकिस्तान ने बातचीत की पहल की। शनिवार दोपहर 3:35 बजे पाकिस्तान के डीजीएमओ ने भारत के डीजीएमओ से संपर्क किया। शाम 5 बजे से संघर्ष विराम की सहमति बनी। अमेरिका ने मध्यस्थता का दावा किया, लेकिन भारत ने दो टूक कहा कि न तो कोई मध्यस्थ रहा और न ही किसी तीसरे पक्ष की भूमिका।
भारत सरकार ने स्पष्ट कर दिया कि यदि भविष्य में कोई आतंकी हमला होता है, तो उसे सीधा युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा। अमेरिका, रूस, इस्राइल जैसे देशों ने भारत का समर्थन किया, जबकि पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग रहना पड़ा।
सिंधु जल संधि का निलंबन, व्यापारिक प्रतिबंध और पाक नागरिकों की वापसी जैसे भारत के कदम अभी भी प्रभाव में रहेंगे। अगली सैन्य बातचीत 12 मई को दोपहर 12 बजे तय हुई है।