दिल्ली में आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित के उत्तराधिकार में राष्ट्रपति भवन में न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ को भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में पद की शपथ दिलाई गई.
वहीं, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ ने औपचारिक रूप से भारत के नए मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश बने हैं.
जस्टिस चंद्रचूड़ भारत के 16वें चीफ जस्टिस वाई वी चंद्रचूड़ के बेटे हैं. उन्हें 29 मार्च 2000 को बॉम्बे हाईकोर्ट के अतिरिक्त जज के रूप में नियुक्त किया गया था. 31 अक्टूबर 2013 को उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य चीफ जस्टिस के रूप में शपथ ली थी.
आपको बता दें कि जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के नाम अनगिनत ऐतिहासिक फैसले हैं. हाल ही में, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने एक ऐतिहासिक फैसले में, जिसने महिलाओं के प्रजनन अधिकारी को बड़े पैमान पर बढ़ावा दिया.
अविवाहित या अकेली गर्भवती महिलाओं को 24 सप्ताह तक गर्भपात करने से रोकने के कानून को रद्द कर सभी महिलाओं को ये अधिकार दिया है. पहली बार मेरिटल रेप को परिभाषित करते हुए पति द्वारा जबरन यौन संबंध बनाने से गर्भवती विवाहित महिलाओं को भी नया अधिकार दिया है. उन्होंने कहा कि ये समानता के अधिकारी की भावना का उल्लघंन करता है.