पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों ने आम जनता के बजट को पूरी तरह बिगाड़ कर रख दिया है। 2016 से 2021 के बीच पेट्रोल और डीजल के दाम दुगुने से भा ज्यादा बढ़ गए हैं। मार्च 2016 में पेट्रोल 59.82 रुपये तो डीजल 48.76 रुपए था। अब दिल्ली में पेट्रोल 107.24 और डीजल 95.97 रुपये के स्तर पर जा पहुंचा है। देश के कुछ शहरों में तो पेट्रोल की कीमतें 115 रुपये पार कर चुकी हैं।
दीवाली से कुछ दिन पहले बाड़मेर में पेट्रोल 116.20 और डीजल 107.31 रुपए प्रति लीटर तक पहुंच गया है। इतनी कीमतें बढ़ने से वाहन किराया और अन्य आवश्यक सामग्री के दामों में भी लगातार बढ़ौतरी दर्ज की जा रही है। त्यौहारों से पहले आम जनता की जेब पर भारी संकट पड़ा है।
वहीं, पिछले एक महीने यानी 24 सितंबर से 23 अक्टूबर तक पेट्रोल 6.29 और डीजल 7.70 रुपए मंहगा हुआ है। और तो और 10 महीनों में दामों में 23 रुपये की तेजी देखने को मिली है।
30 के पार केंद्रीय एक्साइज ड्यूटी
केंद्र सरकार ने बढ़ती कीमतों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल कीमतों से जोड है। दूसरी और विपक्ष इस बढ़ौतरी को केंद्रीय एक्साइज ड्यूटी के कारण बताया है।
आपको बता दें कि 2014 में पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 9.48 रुपये प्रति लीटर थी। अब ये बढ़कर 32.90 रुपये प्रति लीटर हो गयी है। इसी तरह डीजल पर साल 2014 में केन्द्रीय उत्पाद शुल्क 3.56 रुपये प्रति लीटर लग रहा था, जो अब बढ़कर 31.80 रुपये प्रति लीटर के स्तर पर पहुंच चुकी है।
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