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इस बार अब तक का सबसे महंगा रहा लोकसभा का चुनाव, खर्च हुए करीब ₹70,000 करोड़

समाचार फर्स्ट डेस्क |

लोक सभा चुनाव 2019 भारत के इतिहास में अब तक का सबसे महंगा चुनाव साबित हुआ है। इस चुनाव में लोकसभा प्रत्याशियों और चुनाव आयोग दोनों की ओर से कुल मिलाकर करीब 70,000 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।

सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज (सीएमएस) ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि 17वीं लोकसभा के लिए हुए चुनाव में प्रत्याशियों की ओर से करीब 60,000 करोड़ रुपये खर्च किये गए हैं। चुनाव आयोग ने भी इस रकम के 15-20% के बराबर राशि खर्च की है। ऐसे में लोक सभा चुनाव 2019 में कुल 70,000 करोड़ रुपये खर्च हुए है। अगर प्रति लोकसभा क्षेत्र के हिसाब से बात करें तो लोक सभा चुनाव 2019 में औसतन 100 करोड़ रुपये से भी अधिक की राशि खर्च हुई है। 542 लोकसभा सीट के लिए हुए चुनाव में 8000 से अधिक कैंडिडेट में मुकाबला हुआ।

CMS की रिपोर्ट एक कार्यक्रम में जारी की गई है। इस मौके पर सीएमएस के अध्यक्ष एन भास्कर राव ने कहा कि लोकसभा चुनाव में खर्च का यह स्तर हमारे डर का कारण होना चाहिए। उन्होंने कहा, "हमें चुनाव सुधार की दिशा में कदम उठाने और मजबूत लोकतंत्र कायम करने की दिशा में काम करना चाहिए।" चुनाव में खर्च घटाने के उपाय पर एक पैनल डिस्कशन भी हुआ, जिसमें पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी भी उपस्थित थे।

इससे पहले CMS ने कहा था कि लोकसभा चुनाव 2019 में खर्च का आंकड़ा 50,000 करोड़ रुपये को पार कर सकता है। दिलचस्प यह है कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव भी इससे कम खर्च में निबट जाता है। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में करीब पांच अरब डॉलर की रकम खर्च हुई थी। इस हिसाब से देश में प्रति वोटर करीब आठ डॉलर की रकम खर्च हुई थी। भारत की आबादी का 60 फीसदी से अधिक हिस्सा रोजाना तीन डॉलर से कम के खर्च में जीवनयापन करता है।

साल 2014 के लोक सभा चुनाव में सोशल मीडिया पर खर्च 250 करोड़ रुपये था जो इस बार 20 गुना बढ़कर 5000 करोड़ रुपये को पार कर गया। चुनाव खर्च बढ़ने की मुख्य वजह बस, हेलीकॉप्टर आदि के किराये और ईंधन के भाव में वृद्धि रही।

पिछले 20 वर्ष में छह चुनावों का खर्च

1998 – 9000 करोड़ रुपये

1999- 10000 करोड़ रुपये

2004 -14000 करोड़ रुपये

2009 -20000 करोड़ रुपये

2014 – 30 000 करोड़ रुपये

2019 – 70000 करोड़ रुपये (अनुमानित)