पंजाब के पूर्व मंत्री और शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया को बुधवार को बड़ी राहत मिली है. नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटैंसेस एक्ट, 1985 के अंतर्गत दर्ज केस में जेल में बंद मजीठिया को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है. वह इस समय पटियाला की केंद्रीय जेल में बंद हैं.
मजीठिया के खिलाफ 20 दिसंबर को ड्रग्स के एक मामले में एनडीपीएस एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया था और 24 जनवरी को पंजाब विधानसभा चुनाव के बाद उन्हें जेल भेजा गया था.
मजीठिया लंबे समय से कहते आ रहे हैं कि उनके खिलाफ दर्ज मामले सियासी साजिश का हिस्सा है. उनका कहना है कि इन मामलों की जांच पहले ही वरिष्ठ पुलिस अधिकारी कर चुके हैं. पंजाब में आम आदमी पार्टी की भारी जीत के बाद मजीठिया अमृतसर पूर्व विधानसभा क्षेत्र से हार गए थे. राजनीतिक रूप से प्रभावशाली परिवार से आने वाले विवादास्पद अकाली नेता ने पहली बार 2007 के विधानसभा चुनाव में मजीठिया निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल की थी. इसके बाद साल 2012 और 2017 के विधानसभा चुनाव में भी वहीं से विधायक चुने गए.
गौरतलब है कि कुछ समय पहले मोहाली की एक अदालत ने ड्रग्स मामले में शिरोमणि अकाली दल नेता बिक्रम सिंह मजीठिया की न्यायिक हिरासत पांच अप्रैल तक के लिए बढ़ा दी है. मजीठिया फिलहाल पटियाला जेल में बंद हैं. मजीठिया के वकीलों में से एक अर्शदीप सिंह कालेर ने बताया कि अदालत ने अगले दो सप्ताह के लिए हिरासत अवधि बढ़ा दी है.
मामले में अगली सुनवाई पांच अप्रैल को होगी. ड्रग्स मामले में मजीठिया ने मौहाली की अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया था, जिसके बाद उन्हें 24 फरवरी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था. इसके बाद आठ मार्च को उनकी न्यायिक हिरासत 22 मार्च तक के लिए बड़ा दी गयी थी. अदालत ने 25 फरवरी को मजीठिया की जमानत याचिका खारिज कर दी थी.