पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड में दोषी करार दिए गए गुरमीत राम रहीम को आज गुरुवार को सजा का ऐलान होगा। सजा का ऐलान विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होगा। गुरमीत राम रहीम तथा तीन अन्य को इस मामले में विशेष सीबीआई अदालत ने दोषी करार दिया था। 16 साल पुराने इस मामले की सुनवाई कर रही सीबीआई अदालत ने बुधवार को हरियाणा सरकार की अर्जी को मंजूर करते हुए बड़ी राहत दे दी। अब गुरमीत राम रहीम समेत कृष्ण लाल, निर्मल सिंह और कुलदीप सिंह को पंचकूला की सीबीआई कोर्ट में प्रत्यक्ष तौर पर पेश करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
हरियाणा सरकार ने कानून व्यवस्था को आधार बनाते हुए चारों दोषियों को विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सजा के ऐलान की गुजारिश कोर्ट से की थी। कोर्ट में अर्जी पर बहस हुई थी और बुधवार को सरकार की अर्जी मंजूर हो गई। कोर्ट के फैसले के बाद डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी ने मीडिया से कहा कि मामले की संवेदनशीलता और प्रदेश में सुरक्षा और कानून व्यवस्था को देखते हुए सीबीआई कोर्ट ने की सरकार की याचिका मंजूर की है।
पत्रकार छत्रपति हत्याकांड में पंचकूला की विशेष सीबीआई अदालत ने डेरा मुखी गुरमीत राम रहीम और कृष्ण लाल को आईपीसी की धारा 120बी (आपराधिक साजिश रचने) और 302 के तहत मुल्जिम करार दिया है, जबकि कुलदीप सिंह तथा निर्मल सिंह को आईपीसी की धारा 302 ( हत्या की सजा) और 120बी (आपराधिक साजिश) का दोषी करार दिया था। निर्मल सिंह को आर्म्स एक्ट 1959 के सेक्शन 25 तथा कृष्ण लाल को आर्म्स एक्ट 1959 के सेक्शन 29 के तहत भी दोषी करार दिया गया है। कोर्ट 17 जनवरी को सजा का ऐलान करेगी।
क्या है मामला?
पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड करीब 16 साल पुराना है और डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम इसमें आरोपी है। साल 2002 में पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। छत्रपति अपने समाचार पत्र में डेरा से जुड़ी खबरों को प्रकाशित करते थे। पत्रकार छत्रपति के परिजनों ने मामला दर्ज करवाया था और बाद में इसे सीबीआई के सुपुर्द कर दिया गया था। सीबीआई ने 2007 में चार्जशीट दाखिल कर दी थी और इसमें डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह राम रहीम को हत्या की साजिश रचने का आरोपी माना था।