जहां पहाडी राज्यों में मानसून के दस्तक देने के बाद पहाड़ वासियों को भू-स्खलन और बादल फटने जैसी समस्याओ से लड़ना पड़ता है. वहीं, मैदानी ईलाकों में रहने वाले लोगो को बाढ़ जैसी आपदाओ का सामना करना पड़ता है.
आपकों बता दें कि, देश के कई राज्यों में इस समय मानसून की वजह से जान-माल का भारी नुक्सान हो रहा है.बारिश और बाढ़ से भारत के कई राज्य बेहाल हो रखे है. गुजरात और महारष्ट्र इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है. वहीं असम, तेलंगाना, मध्यप्रदेश, हिमाचल, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर भी भीषण बारिश की चपेट में है. बाढ़ और लगातार बारिश से कई लोगों ने अपनी जान गंवाई हैं. मौसम विभाग ने महराष्ट्र , गुजरात समेत कई राज्यों में आने वाले कुछ दिनों में भारी बारिश का अनुमान जताया है.
असम में बाढ़ की स्थिति शुक्रवार को और गंभीर हो गई. 2.10 लाख से अधिक लोग बाढ़ के पानी से घिरे हैं. असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने कहा कि काचर जिले में एक और व्यक्ति की मौत हो गई. इससे बाढ़ और भूस्खलन से मरने वालों की संख्या 194 हो गई है. महाराष्ट्र में लगातार वर्षा से नदियां उफनाई हुई हैं.ठाणे जिले में भातसा नदी का के किनारे रहने वाले लोगों को प्रशासन ने सावधान रहने को कहा है. दक्षिण गुजरात और सौराष्ट्र के कई क्षेत्रों में पिछले कुछ दिनों से भारी वर्षा जारी है. नवसारी जिले में 811 लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया गया है. नवसारी में सूरत नगर निगम के उपायुक्त (स्वास्थ्य) आशीष नाइक ने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जहां पर पानी का स्तर कम हो गया है, वहां सफाई का काम शुरू करा दिया है. हमारा फोकस जल्द पहले जैसी स्थिति बहाल करने पर है.
तमिलनाडु में भी कोयंबटूर जिला प्रशासन ने भारी बारिश के बाद बाढ़ की चेतावनी जारी की है. भवानी, नोय्याल और अमरावती नदियों में जलस्तर लगातार बढ़ रहा है.राजस्थान में भी बारिश की वजह से श्री गंगानगर में कई जगहों जलभराव हुआ.आंध्र प्रदेश में गोदावरी नदी लगातार खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. 62 हजार से अधिक लोगों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया गया है. आंध्र प्रदेश में गोदावरी नदी लगातार खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. 62 हजार से अधिक लोगों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया गया है.आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने शुक्रवार को गोदावरी बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई निरिक्षण किया. सर्वेक्षण के बाद मुख्यमंत्री ने बाढ़ की स्थिति को लेकर अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. उन्होंने कहा कि नदी के किनारे के गांवों पर ध्यान देने की जरूरत है.
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