Shimla: डॉ. वाईएस परमार ऋण योजना को सुक्खू सरकार ने विस्तार दिया है। योजना के अंतर्गत पात्र बोनोफाइड हिमाचली विद्यार्थियों को मात्र एक प्रतिशत ब्याज दर पर शैक्षिक ऋण प्रदान किया जा रहा है। ऐसे परिवार जिनकी वार्षिक आय चार लाख रुपये से कम है, इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। इसके तहत ट्यूशन फीस, रहने की सुविधा, किताबें और अन्य संबंधित खर्चे शामिल होंगे। योजना के लिए विद्यार्थी किसी भी शेड्यूल बैंक से 20 लाख रुपये तक का ऋण ले सकते हैं।
किसी भी प्रकार के विलंब की स्थिति से बचने के लिए सरकार की ओर से जिला स्तर पर उपायुक्त की देखरेख में एक कोष स्थापित किया जाएगा और तत्काल वित्तीय आवश्यकता की स्थिति में पहली किस्त को जारी किया जाएगा। सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने जारी बयान में कहा कि इसके तहत विदेश में शिक्षा ग्रहण करने के इच्छुक आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के विद्यार्थियों को लाभान्वित करने का निर्णय लिया गया है। इस पहल से उच्च शिक्षा के लिए विदेशों में संस्थानों में शिक्षा ग्रहण करने के इच्छुक विद्यार्थियों की राह में वित्तीय सीमाएं आड़े नहीं आएंगी।
यह है नियम
योजना के अंतर्गत इंजीनियरिंग, चिकित्सा, प्रबंधन, नर्सिंग, फार्मेसी, विधि आदि में डिप्लोमा, डिग्री करने के इच्छुक विद्यार्थियों के साथ-साथ आईटीआई, पॉलीटेक्निक और पीएचडी करने वाले विद्यार्थी लाभ ले सकते हैं। इसके लिए विद्यार्थियों को पिछली कक्षा में न्यूनतम 60 प्रतिशत अंक लेना अनिवार्य है और पाठ्यक्रम में प्रवेश के समय विद्यार्थियों की आयु 28 वर्ष से कम होनी चाहिए।