सुप्रीम कोर्ट ने आज डिस्टेंस लर्निंग से इंजीनियरिंग जैसी तकनीकी शिक्षा देने वाली 4 डीम्ड यूनिवर्सिटी के हजारों छात्रों की इंजीनियरिंग की डिग्रियां रद्द कर दी हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद एग्रीकल्चर इंस्टीट्यूट जेआरएन, राजस्थान विद्यापीठ (उदयपुर), इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस स्टडीज (राजस्थान) और विनायक मिशन रिसर्च फाउंडेशन (तमिलनाडु) से 2001-2005 सत्र के बाद दूरस्थ शिक्षा के जरिए मिली इंजीनियरिंग की डिग्रियों को रद्द किया है।
सुप्रीम कोर्ट ने 2001-05 के बीच इन चारों संस्थानों से कॉरेस्पोंडेंस कोर्स यानी ओपन लर्निंग के जरिए इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने वालों को एक रियायत दी है। इन छात्र-छात्राओं को अपनी इंजीनियरिंग डिग्री बचाने के लिए एआईसीटीई की परीक्षा में बैठना होगा और परीक्षा में पास होने पर ही उनकी डिग्री बचेगी। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि विश्वविद्यालयों को इन सभी छात्रों से वसूली गई फीस और अन्य खर्च लौटाने होंगे।
कोर्ट ने इन डीम्ड यूनिवर्सिटी को इंजीनियरिंग कोर्स चलाने की अनुमति देने में अधिकारियों की भूमिका का पता लगाने के लिए सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही कोर्ट ने नामचीन लोगों की तीन सदस्यीय कमेटी का गठन करने का आदेश दिया है।