इराक में अगवा 39 भारतीय नागरिक मारे गए हैं। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि हत्या के बाद जमीन में दफनाए गए सभी शवों को डीप पेनिट्रेशन राडार के जरिए खोज लिया गया है. शवों को बाहर निकालकर उनका डीएनए टेस्ट भी किया गया है।
सुषमा ने कहा कि 27 जुलाई को राज्यसभा में चर्चा के दौरान मैंने कहा था कि जब तक कोई भी सबूत नहीं मिल जाता, मैं उनकी हत्या या मौत की घोषणा नहीं करूंगी। लेकिन आज वह समय आ गया है. हरजीत मसी की कहानी सच्ची नहीं थी।
सुषमा ने राज्यसभा सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि शवों के अवशेष को बगदाद भेजा गया, जहां उनके डीएनए सैंपल लिए गए और उन्हें पंजाब, हिमाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल और बिहार में मौजूद उनके रिश्तेदारों के पास भेजा गया। कल हमें जानकारी मिली कि 38 शवों के डीएनए मैच कर गए हैं और 39वें व्यक्ति का डीएनए 70 फीसदी मैच किया है।
सुषमा ने बताया कि शवों के अवशेष वापस लाने के लिए जनरल वीके सिंह इराक जाएंगे. शवों के अवशेष लाने वाला विमान पहले अमृतसर, फिर पटना और कोलकाता जाएगा।
बता दें कि सभी 39 लोग इराक के मोसुल में काम कर रहे थे। 2014 में आईएसआईएस ने उन्हें अगवा कर लिया था। गायब भारतीयों की तलाश के लिए भारत ने इराक से मदद मांगी थी।