27 जुलाई को गुरु पूर्णिमा है। इस गुरु पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण भी लगने वाला है। चंद्र ग्रहण की अवधि 3 घंटे 55 मिनट की होगी। इस बार गुरु पूर्णिमा के दिन पड़ने वाले चंद्र ग्रहण को सदी का सबसे लंबा चंद्रग्रहण कहा जा रहा है। ग्रहण 27 जुलाई की रात 11 बजकर 54 मिनट से शुरू हो जाएगा जो 28 जुलाई की सुबह 3 बजकर 5 मिनट पर खत्म होगा। चंद्र ग्रहण पर सूतक का समय दोपहर 2 बजे से शुरू हो जाएगा।
सूतक काल का हिंदू धर्म में विशेष महत्व होता है। सूर्य ग्रहण में सूतक का प्रभाव लगभग 12 घंटे पहले शुरू हो जाता हैं। चंद्र ग्रहण में यह अवधि 9 घंटे की हो जाती है। धार्मिक मान्यता के मुताबिक, ग्रहण के दौरान सूतक लगने पर नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, इसलिए इस दौरान कोई भी धार्मिक या शुभ कार्य करने से बचना चाहिए। यह भारत, दक्षिण अमेरिका, अफ्रीका, पश्चिम एशिया, आस्ट्रेलिया और यूरोप में दिखेगा। इससे पहले 31 जनवरी 2018 को पहला चंद्रग्रहण लग चूका है। जुलाई में लगने वाला यह चंद्रग्रहण 'ब्लडमून' होगा।
चंद्रग्रहण के दौरान पृथ्वी, सूर्य व चन्द्रमा के बीच आ जाती है और पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है। चंद्र ग्रहण तब लगता है जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी इस प्रकार आ जाती है कि पृथ्वी की छाया से चंद्रमा का पूरा या आधा भाग ढक जाता है। इस वजह से पृथ्वी सूर्य की किरणों के चंद्रमा तक पहुंचने में रोक लगा देती है। जिस्से चंद्रग्रहण नजर आता है।
इन चीजों का रखें ध्यान…
ग्रहण का असर हर राशि पर पड़ता है लेकिन गर्भवती स्त्री और उसके होने वाले बच्चे के लिए चंद्र ग्रहण का प्रभाव 108 दिनों तक रहता है। ऐसे में गर्भवती महिला को लेकर ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत होती है। इस दिन कई कार्यों को करना अशुभ माना जाता है, विशेषकर गर्भवती महिलाओं को सावधान रहने की आवश्यकता मानी जाती है। माना जाता है कि जो गर्भवती महिलाएं ग्रहण को देख लेती हैं उनके शिशु को शारीरिक या मानसिक हानि हो सकती है। इस दिन सावधान रहें।