मध्यप्रदेश का ये कुंड वैसे तो देखने में एक साधारण सा कुंड लगता है, लेकिन इसकी खासियत है कि जब भी एशियाई महाद्वीप में कोई प्राकृतिक आपदा घटने वाली होती है तो इस कुंड का जलस्तर पहले ही खुद-ब-खुद बढ़ने लगता है।
इस कुंड का पुराणों में नीलकुण्ड के नाम से जिक्र है, जबकि लोग अब इसे भीमकुंड के नाम से जानते हैं, भीम कुंड की गहराई अब तक नहीं मापी जा सकी है, इस कुंड के चमत्कारिक गुणों का पता चलते ही डिस्कवरी चैनल की एक टीम कुंड की गहराई मापने के लिए आई थी, लेकिन ये इतना गहरा है कि वे जितना नीचे गए उतना ही अंदर और इसका पानी दिखाई दिया, बाद में टीम खाली हाथ वापस लौट गई।
स्थानीय लोगों के बताये अनुसार अज्ञातवास के दौरान एक बार भीम को प्यास लगी थी, काफी तलाशने के बाद भी जब पानी नहीं मिला तो भीम ने जमीन में अपनी गदा पूरी शक्ति से दे मारी, तब इस कुंड से पानी निकला था, इसलिए इसे भीम कुंड कहा जाता है।
वहीं जब भी कोई भौगोलिक घटना होने वाली होती है तो यहां का जलस्तर बढ़ने लगता है, जिससे क्षेत्रीय लोग प्राकृतिक आपदा का पहले ही अनुमान लगा लेते हैं, नोएडा और गुजरात में आए भूकंप के दौरान भी यहां का जलस्तर बढ़ा था, जबकि सुनामी के दौरान तो कुंड का जल 15 फीट ऊपर तक आ गया था।