देश की महिलाओं के लिए राहत भरी खबर है। क्योंकि बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं के पक्ष में एक बड़ा और अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने अगले साल मई 2022 तक एनडीए परीक्षा में महिलाओं की भागीदारी को स्थगित करने की केंद्र की याचिका को खारिज कर दिया है। रक्षा मंत्रालय ने पहले अदालत से छूट देने का अनुरोध किया था। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को कहा है कि महिला उम्मीदवारों को इस साल नवंबर में होने वाली राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) परीक्षा में बैठने की इजाजत मिलनी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि ये एक लैंगिक समानता का मसला है और इसको आगे के लिए नहीं टाला जा सकता है।
रक्षा मंत्रालय ने एक दिन पहले सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि महिला उम्मीदवारों को एनडीए परीक्षा में बैठने की अनुमति देने वाली अधिसूचना अगले साल मई तक जारी की जाएगी। जिसके बाद कोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए आज केंद्र को स्पष्ट कहा कि इसमें टालने वाला रवैया नहीं चलेगा, इसी साल की नंवबर की परीक्षा में लड़कियों को बैठने की इजाजत मिले।
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि कुछ दिक्कतें आएंगी और तैयारी के लिए भी समय चाहिए होत हैं। हम इस सबसे इनकार नहीं कर रहे हैं लेकिन लेकिन हम एक साल के लिए टाल नहीं सकते हैं। हम ये इजाजत नहीं देंगे कि इसे सरकार एक साल के लिए आगे बढ़ा दे। ये एक बदलाव है और सिस्टम की मुश्किलों को दूर करते हुए हमें इस ओर आगे बढ़ाना होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि हम इस बारे में सटीक समय-सीमा नहीं तय करने जा रहे हैं कि किस तारीख तक यूपीएससी को अधिसूचना जारी की जानी चाहिए। वो आप तय कर लीजिए। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद अब जल्दी ही इस साल 14 नवंबर को होने वाली एनडीए परीक्षा में महिलाओं की एंट्री को लेकर अधिसूचना जारी हो सकती है।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इस साल अगस्त में एक अहम फैसला देते हुए महिलाओं को राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) की परीक्षा में बैठने की इजाजत दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने सेना को भी फटकार लगाते हुए कहा था कि महिलाओं को परीक्षा में शामिल ना करने का फैसला सीधे तौर पर जेंडर के आधार पर भेदभाव है।