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केले का पेड़ नहीं होता, सच तो यह है कि ये एक जड़ी-बूटी है

डेस्क |

आम धारणा यही बनी हुई है कि केला पेड़ पर लगता है। लोग इसे इसलिए भी सच मानते हैं, क्योंकि केले का तना काफी लंबा व सामान्य रूप से मजबूत होता है, इसलिए अक्सर वृक्ष समझ लिया जाता है। लेकिन यह गलत है। सच तो यह है कि केले का पेड़ नहीं होता, केला दुनिया की सबसे बड़ी जड़ी-बूटी पर लगता है।

असल में केले में लकड़ी नहीं होती, बल्कि यह एक विशाल शाक है जो भूमिगत तने से उगता है और पत्तियों से ही लिपटा होता है। या यूं समझ सकते हैं कि यह लिपटी हुई पत्तियों का एक बंडल है, जिसमें ऊतकों (टिश्यू) की कई परतें होती हैं। इसकी पत्तियां एक-दूसरे पर इस तरह से लिपटी होती हैं कि यह एक मजबूत तना लगने लगता है। इसके पत्तों के बीच छोटी पत्तियों से लिपटी एक बड़ी कली निकलती है। फिर छोटे फूलों के गुच्छे निकलते हैं, जिनसे फल बनता है।

वनस्पति विज्ञान के अनुसार यह मूसा जाति का घासदार पौधा है। यह एक बड़ी घास है। फल के लिए इसकी खेती की जाती है। इसका हर हिस्सा काम का होता है। दक्षिण भारत में इसकी पत्तियों पर खाना परोसते हैं, फल और फूल खाने के काम आते हैं और इसकी सूखी सामग्री से हैंडीक्राफ्ट बनाया जाता है। रेशों के उत्पादन तथा सजावटी पौधे के लिए भी इसे उगाया जाता है। इसकी कुछ प्रजातियों की ऊंचाई 2-8 मीटर और पत्तियां 3।5 मीटर तक लंबी हो सकती हैं।