हिमाचल में पाया जाने वाला चौलाई का पौधा औषधीय गुणों से भरपूर है। अगर आप इसके फायदे जानेंगे तो कभी इसे खाना मिस नहीं करेंगे। जो लोग High Blood Pressure के शिकार हैं, उनके लिए चलेरी के साग की सब्जी बेहद फायदेमंद है। हरी पत्तेदार सब्जी में चलेरी (चौलाई) का मुख्य स्थान है। इसकी पैदावार हिमाचल के विभिन्न क्षेत्रों में की जाती है।
चौलाई दो तरह की होती है, एक सामान्य हरे पत्तों वाली दूसरी लाल पत्तों वाली। चौलाई की विभिन्न अलग-अलग किस्में हैं, जोकि वर्षा ऋतु व ग्रीष्म ऋतु में पैदा की जाती हैं। चौलाई की पत्तियां और मुलायम तने को तोड़कर खाने के प्रयोग में लाया जाता है। इसकी पत्ती व तना को अलग-अलग मिलाकर आलू के साथ भुज्जी के रूप में पकाया जाता है।
जानिए चौलाई के गुण और फायदे:-
- चौलाई में विटामिन `सी´, विटामिन `बी´ व विटामिन `ए´ की अधिकता होती है। विटामिनों की कमी से होने वाले सारे रोगों में चौलाई का रस विशेष लाभ प्रदान करता है।
- चौलाई का रस शरीर को स्वस्थ करता है। यह शरीर की गर्मी को शांत करती है तथा शुद्ध खून पैदा करती है और यह प्यास को रोकती है, खांसी के लिए लाभदायक होती है ।
- उच्च रक्तचाप के रोगियों के लिए चौलाई, का प्रयोग अधिक मात्रा में करना चाहिए, क्योंकि इसमें रक्तचाप को नियंत्रित करने की शक्ति होती है।
- गर्भावस्था के बाद अथवा अधिक मासिकस्राव या किसी भी कारण से हुए रक्तस्राव (खून बहना) से आई कमजोरी दूर करने में चौलाई का रस बहुत लाभदायक रहता है।
- शरीर की शिथिलता, कमजोरी दूर करने में, आंखों के रोगों में व रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में चौलाई का रस बहुत लाभदायक होता है।
- चौलाई की सब्जी बनाकर दमा के रोगी को खिलाने से बहुत लाभ मिलता है। 5 ग्राम चौलाई के पत्तों का रस शहद के साथ मिलाकर चटाने से सांस की पीड़ा दूर हो जाती है।
- चौलाई की सब्जी बीमार लोगों को सेवन कराने से बहुत लाभ मिलता है यदि हो सके तो चौलाई का सेवन रोजाना करना चाहिए।