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क्या आप भी जानते हैं इस डरवानी सी सब्जी को…

डेस्क |

हिमाचल के साथ-साथ अधिकतम पहाड़ी राज्यों में मिलने वाली ये कोई ये सब्जी देश भर में काफ़ी मशहूर है। पहाड़ी इलाके के नदी, नालों में पाई जाने वाली इस सब्जी को पहाड़ी भाषा में लुंगड़ू कहा जाता है। हालांकि, श़हरी इलाकों में ये सब्जी फर्न या लिंगड़ी नाम से भी मशहूर हैं, लेकिन ख़ासतौर पर पहाड़ी इलाकों में मिलने पर इसका नाम पहाड़ी भाषा में ज्यादा मशहूर है।

वैसे तो देखने को ये सब्जी लुंगड़ू डरवानी से लगती है, लेकिन खाने में ये उनती स्वादिष्ट और सेहतमंद होती है। इसके साथ ही ये सब्जी औषधियों गुणों से भरपूर होती है। लुंगड़ू की हरी कोमल डंठल में विटामिन ए, विटामिन बी कांप्लेक्स, पोटाशियम, कॉपर, आयरन, फैटी एसिड, सोडियम, फास्फोरस, मैगनीशियम, कैरोटिन और मिनरल्ज भरपूर मात्रा में मौजूद होता।

गर्मियों की शुरुआत में बाजार में लुंगड़ू आसानी से मिल जाता है और लोग इसकी सब्जी और साग बनाकर भी ख़ाते हैं। ये सब्जी ख़ासतौर पर उस जगह उगती है, जहां हर टाइम पर ठंडक रहती हो। यानी की नदी और नालों के किनारे या फ़िर खड्ड आदी के पास। एक तरह से भी कहा जा सकता है कि ये सब्जी गंदगी की जगहा ज्यादा पैदा होती है। पहाड़ी व्यजनों में इसका मधरा और अचार भी बनाया जाता है।

दैनिक अख़बार के मुताबिक, वैज्ञानिक शोध में पता चला है कि लुंगड़ू मधुमेह और चर्म रोग सहित अनेक बीमारियों को भी दूर करता है। हिमालयन जैव प्रौद्योगिकी संस्थान (आइएचबीटी) पालमपुर में लुंगड़ू पर हुए प्रारंभिक शोधों में यह बात सामने आई है। इसकी चर्चा संस्थान में हुई राष्ट्रीय संगोष्ठी में की गई। इसमें यह भी पता चला है कि इससे अन्य बीमारियों में भी लाभ होता है। हिमालय की पर्वत शृंखला व देश भर में लुंगडू की 1200 प्रजातियों का पता लगाया गया है। इन में हुए प्रारंभिक शोध से पता चला है कि इसमें वह गुण है जो मधुमेह आदि बीमारियों से बचाव करता है।