भारतीय इतिहास में पलाश का पेड़ प्रमुख स्थान रखता है। इस पेड़ के लगभग सभी हिस्से औषधीय प्रयोजनों के लिए उपयोग किये जाते हैं। भारत में पुजारियों द्वारा किये जाने वाले यज्ञों में पलाश की लकड़ी का उपयोग किया जाता है। इससे प्राप्त होने वाली गोंद बहुत से रोगों के उपचार में उपयोग की जाती है। साथ इस पेड़ से लाख भी प्राप्त होती जिसका उपयोग पलाश के फायदे को और अधिक बढ़ा देते हैं। पलाश का वैज्ञानिक नाम ब्यूटिया मोनोस्पर्मा (Butea Monosperma) है।
ये तो सभी जानते हैं कि पौधों में शारीरिक और मानसिक रोगों को दूर करने की क्षमता के अलावा वास्तुदोष मिटाने की क्षमता भी है इसीलिए कुछ लोग अपने मकान के बगीचे में इसी तरह के पौधे लगाते भी हैं। कई पौधे तो ऐसे हैं जिनके घर में होने से धन और समृद्धि बढ़ती है तो कई असाधारण चमत्कार से संपन्न होते हैं।
आइए, जानते हैं चमत्कारिक पौधे के बारे में…
मोतियाबिंद के इलाज में पलाश के फायदे
आयुर्वेद के अनुसार पलाश के फायदे मोतियाबिंद के उपचार को दर्शाता है। इस उद्देश्य के लिए के लिए आपको पलाश के फूलों के रस की आवश्यकता होती है या फिर आप पलाश के बीजों को पानी में भिगों कर छोड़ दें और 48 घंटों के बाद पानी से निकालकर इसका लेप (Pasta) बनाएं। इस पेस्ट को आप अपनी आंखों में काजल की तरह लगाएं। इस तरह आप इस पेस्ट का नियमित रूप से उपयोग कर धीरे-धीरे मोतियाबिंद (Cataracts) के प्रभाव को कम कर सकते हैं।
पलाश के फूल पेट के संक्रमण के लिए
यदि आप किसी भी तरह की पेट की समस्याओं जैसे कि आंतरिक घावों, अल्सर आदि से परेशान हैं तो आप पलाश फूल का उपयोग कर सकते हैं। यह आपके पेट और आंत से संबंधित सभी प्रकार की समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। पेट की समस्याओं को दूर करने के लिए आप 2-3 ग्राम पलाश फूल के पाउड़र का उपभोग करें।
पलाश के फूल के फायदे बुखार के लिए
यदि आपके शरीर का तापमान हमेशा अधिक (38 डिग्री सेल्सियस से अधिक ) बना रहता है तो यह बुखार होने की संभावना को दर्शाता है। पलाश के फायदे उन लोगों के लिए भी है जिन्हें अक्सर बुखार आता है। ऐसी स्थिति में आप पलाश के फूलों को पीस कर इसका रस निकालें, इस रस को चीनी और दूध के मिश्रण में मिला कर सेवन करें। यह मिश्रण आपके शरीर के अधिक तापमान को नियंत्रित कर इससे संबंधित सभी प्रकार की समस्याओं को दूर करने में आपकी मदद करता है। शरीर के अतिरिक्त गर्मी की समस्या से छुटकारा पाने के लिए आपको रोजाना 3-4 चम्मच मिश्रण का सेवन करना चाहिए।
पलाश के फूल के फायदे सूजन को कम करे
यदि आप किसी चोट की सूजन से परेशान हैं तो आप इसके लिए पलाश के फूल का उपयोग कर सकते हैं। यह एक आयुर्वेदिक वृक्ष है जो कि आपकी बहुत सी परेशानियों को दूर करने में सहायक होता है। सूजन को दूर करने के लिए पलाश के फूल बहुत ही प्रभाव कारी होते हैं। आप पानी की भाप में या हल्की आंच में पलाश के फूलों को गर्म करें और सूती कपड़े की सहायता से इन गर्म फूलों को प्रभावित क्षेत्र में बांधें। ऐसा करने से आप गठिया, चोट, मस्तिष्क आदि की सूजन और दर्द को कम कर सकते हैं। पलाश के फायदे ऐसी समस्याओं के प्रभावकारी निदान के लिए जाने जाते हैं।
गले के दर्द में पलाश के पत्ते के फायदे
गले के संक्रमण या दर्द के उपचार के लिए पलाश के पत्ते के फायदे लिए जा सकते हैं, पलाश की कुछ पत्तियों को तोड़ें और इनको पीस कर इसका रस निकाल लें। इस रस को पानी में मिलाकर इससे गरारा (gargle) करें। यह आपके गले की तकलीफ को दूर करने और रहात दिलाने में आपकी मदद करेगा।
पलाश का उपयोग मधुमेह के लिए फायदेमंद
मधुमेह के प्रभाव को कम करने के लिए पलाश के फूलों का उपयोग किया जा सकता है। इसके लिए आप पलाश के सूखे फूलों के पाउडर को कैंडी चीनी (candy sugar) के साथ मिलाकर मिश्रण तैयार करें। स्वाभाविक रूप से आप अपने शरीर में चीनी के स्तर को नियंत्रित करने के लिए प्रतिदिन 1.5 से 2 ग्राम तक इस मिश्रण का सेवन करें। या फिर आप पलाश के फूलों को एकत्रित कर सुखा लें। पहले दिन एक फूल को एक कप पानी में रात भर भींगने दे और सुबह इस पानी का सेवन करें। इस तरह पांचवे दिन तक फूलों की संख्या बढ़ाते रहें और फिर इसी तरह इन फूलों की संख्या को घटाते हुए इस पानी का सेवन करें। यदि आप ऐसा लगातार दो से ढ़ाई माह तक करते हैं तो आप अपने शरीर में चीनी के स्तर में प्रभावी अंतर पा सकते हैं।
मासिक धर्म के समय पलाश के लाभ
यदि आप मासिक धर्म अवधि के समय अनियमित रक्तस्राव की समस्या से परेशान हैं तो पलाश के फायदे आपको इस समस्या से छुटकारा दिला सकते हैं। इस समस्या को हल करने के लिए नियमित रूप से 2-3 माह तक आप रात में सोने से पहले पलाश के पत्तों का 3-4 चम्मच रस का सेवन करें। यह मासिक धर्म से संबंधित समस्याओं को हल करने का प्रभावी तरीका हो सकता है।
पलाश फ्लावर के गुण नपुंसकता को दूर करे
पुरुषों में नपुंसकता (impotency) की बीमारी को दूर करने के लिए पलाश के फूलों का उपयोग किया जाता है। इस स्थिति से छुटकारा पाने के लिए पलाश के फूलों को इकहठ्ठा कर सुखा लें और इनका पाउडर तैयार करें। इस पाउडर में कैंडी चीनी मिलाएं और नपुंसकता को दूर करने के लिए एक गिलास दूध में लगभग इस मिश्रण की 3 ग्राम मात्रा मिला कर सुबह और शाम इसका सेवन करें। यह पुरुषों की प्रजनन (Reproduction) संबंधी सभी समस्याओं को दूर करने में मदद करता है।
खांसी के लिए पलाश के गोंद के फायदे
आंतों से संबंधित समस्याओं को हल करने का सबसे अच्छे विकल्प के रूप में पलाश की गोंद का उपयोग किया जा सकता है। पलाश की गोंद के फायदे खांसी, स्टेमाइटिस (मौखिक गुहा में सूजन), अत्यधिक पसीना से राहत दिलाते हैं। पलाश की गोंद का उपयोग दस्त और खसरा के इलाज के लिए भी किया जाता है। गोंद का घोल (डिकोकेशन) या जलसेक एनीमा (enema) के रूप में प्रयोग किया जाता है।