<p>आपने देखा होगा कि कुछ लोग शाकाहारी डायट अधिक लेते है ताकि वह स्वस्थ रह सकें और शाकाहारी डायट को मांसाहारी डायट से कहीं बेहतर मानते हैं। लेकिन स्टडी की मानें तो मांसाहार खाने वाली महिलाएं शाकाहारी भोजन करने वाली महिलाओं की तुलना में ज्यादा हेल्दी होती हैं जो नॉनवेज खाने वालों के लिए यह अच्छी खबर है। डॉक्टरों का कहना है कि यह स्टडी साल 2015 में शुरू की गई थी, जो कि साल 2018 तक चली थी। इसमें कुल 464 महिलाओं को शामिल किया गया था। सबसे पहले इनका 72 घंटे का डायट पैटर्न लिया गया कि कोई दवा तो नहीं खा रहे, फिर हाईट, वजन, बीपी, हेयर ग्रोथ, ब्लड टेस्ट में लीवर फंक्शन, किडनी फंक्शन, लिपिड प्रोफाइल और सारे हॉर्मोन का टेस्ट किया गया। इन सभी का इन्फ्लेमेट्री मार्कर चेक किया गया और उसके बाद इसकी तुलना की गई जिसमें रिजल्ट चौंकाने वाले आए हैं।</p>
<p><span style=”color:#c0392b”><strong>AIIMS और SKIMS ने की यह स्टडी:</strong></span></p>
<p>एम्स दिल्ली और शेरे-कश्मीर इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस श्रीनगर ने मिलकर यह स्टडी की है। स्टडी के प्रिंसिपल ऑथर और SKIMS के प्रॉफेसर मोहम्मद अशरफ गनी ने बताया कि सी-फूड को मेडिसिनल डायट माना जाता है। यह फूड सबसे अधिक चीन में खाया जाता है ताकि वह अधिक समय तक जिवित रहें। एम्स की एक नई स्टडी ने यह साबित किया है कि मांसाहारी खाने वालों में, शाकाहारी भोजन खाने वालों की तुलना में बीमारियों का कम खतरा रहता है। स्टडी में नॉनवेज खाने वाली कश्मीर की महिलाएं और वेज खाने वाली दिल्ली की महिलाएं शामिल की गईं जिसमें कश्मीर की महिलाएं, दिल्ली की महिलाओं से ज्यादा हेल्दी पाई गईं और उनमें बीमारी का खतरा कम पाया गया।</p>
<p><span style=”color:#c0392b”><strong>वेज खाने वालों में प्रोटेक्टिव सीरम पाया गया कम :</strong></span></p>
<p>रिजल्ट में PCOS(पोलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम ) से पीड़ित महिलाओं की बात करें तो वेज खानेवाली महिलाओं में बीमारियों से बचाने वाला प्रोटेक्टिव सीरम भी कम पाया गया। डॉक्टरों ने कहा कि इस तरह के रिजल्ट की दो वजहें हो सकती हैं। पहली यह कि नॉनवेज में ऐसे कई तत्व हैं जो इनफ्लामेट्री मार्कर को कंट्रोल करके रखते हैं। दूसरा कारण यह भी हो सकता है कि दिल्ली में पॉल्यूशन ज्यादा है। हो सकता है कि इस वजह से दिल्ली की महिलाओं का मार्कर खराब हो रहा हो। अब हम इस वजह के बारे में आगे की स्टडी करेंगे। इसका इफेक्ट पुरुषों पर कितना होता है, यह भी जानने की कोशिश की जाएगी।</p>
<p><span style=”color:#c0392b”><strong>स्टडी में कौन सी महिलाएं हुईं शामिल:</strong></span></p>
<p>- 82 वेजिटेरियन महिलाएं, जिन्हें PCOS था ।<br />
– नॉनवेज खानेवाली 62 महिलाएं, जिन्हें PCOS की समस्या थी ।<br />
– 179 वेजिटेरियन महिलाएं, जो हेल्दी थीं ।<br />
– नॉनवेज खानेवाली 141 हेल्दी महिलाएं ।<br />
– सभी महिलाओं की उम्र 18 से 40 साल के बीच थी ।</p>
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