आमों का मौसम है, बाजार में कच्चे पके आम खूब मिल रहे हैं। आम का अचार तो सभी की पसंद है और ये अचार इसी समय बना कर रखे जाते हैं। हालांकि, हम खाते समय थोड़े से अचार का ही उपयोग करते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस आचार को बनाने में कितनी मेहनत और कितनी सावधानियां बरतनी पड़ती है। वैसे तो आम का अचार कई तरीके से बनाया जाता है, लेकिन आज हम बात करेंगे सिंपल तरीके से आचार बनाने की…. तो आइये देखते हैं कैसे बनता है 'आम का आचार'
आवश्यक सामग्री…
कच्चे आम – 1 किली(बाकी आप अपनी मात्रा के हिसाब से भी ले सकते हैं), सरसों का तेल – 200 ग्राम, हींग – एक चौथाई छोटी चम्मच, नमक – 100 ग्राम, हल्दी पाउडर – 50 ग्राम, सोंफ – 50 ग्राम, मैंथी – 50 ग्राम, पीली सरसों – 50 ग्राम। लाल मिर्च पाउडर – 1 छोटी चम्मच
विधि…
सबसे पहले आमों को साफ पानी से धोकर 12 घन्टे के लिये पानी में भिगो दें। आमों को पानी से निकालिये और उन्हें सुखाने के लिए रखें। आमों को चाकू से छोटे छोटे टुकड़े करते हुये काट लीजिये। सौंफ, पीली सरसों और मैथी को दरदरा पीस लें।
कढ़ाई में तेल डालकर अच्छी तरह गरम करें और दरदरे पिसे मसाले तेल में डालकर हींग, ह्ल्दी पाउडर, और कटे हुए आम डाल कर मिलाएं। इसके बाद नमक और लाल मिर्च पाउडर डालें और चमचे से चलाते हुये आम और मसाले को अच्छी तरह मिलाएं। आचार को 5 मिनिट के लिये ढ़ककर रख दीजिये ताकि आम हल्के से नरम हो जाएं।
आपका आचार प्राथमिक रूप से तैयार है, लेकिन अभी ये खाने लायक नहीं क्योंकि ये पूरी तरह मुलायम नहीं होते। इसके बाद इस आचार को आपको किसी कांच या प्लास्टिक के कन्टेनर में भरकर तेल डालें और धूप में या रूम के अन्दर 8-10 दिनों के लिये रखना होगा औऱ बार-बार इसे हिलाना पड़ेगा। कुछ ही दिन में आम के टुकड़े नर्म पड़ जाएंगे और उसके बाद आप इसे खा सकते हैं।
सुझाव: अचार बनाते समय जो भी बर्तन स्तेमाल करें, वे सब सूखे और साफ हों, अचार में किसी तरह की नमी और गन्दगी नहीं जानी चाहिये। अचार के लिये कन्टेनर कांच या प्लास्टिक को हो, कन्टेनर को उबलते पानी से धोइये और धूप में अच्छी तरह सुखा लीजिये। कन्टेनर को ओवन में भी सुखाया जा सकता है। जब भी अचार कन्टेनर से निकालें, साफ और सूखे चम्मच का प्रयोग कीजिये। हफ्ते में 1 बार अचार को चमचे से चलाकर ऊपर नीचे कर दीजिये। अगर धूप है, तब अचार को 3 महिने में 1 दिन के लिये धूप में रख दीजिये, अचार बहुत दिन तक चलते हैं और स्वादिष्ट भी रहते हैं।