तुलसी के पौधे की पूजा तो की जाती हैं. लेकिन इसका इस्तोमाल औषधि के रूप में भी खूब किया जाता है. तुलसी एक ऐसा पौधा है, जो घर में आसानी से मिल जाती है. तुलसी को होली बेसिल भी कहा जाता है. वहीं, तुलसी के औषधीय गुणों के कारण कई आयुर्वेदिक और नेचुरोपैथिक चिकित्सालयों में जड़ी बूटी बनाने के लिए भी प्रयोग होती है. मेडिकल हर्ब के कई प्रकार हैं, जिनमें रामा तुलसी और कृष्ण तुलसी सबसे आम हैं.
दोनों ही तुलसी के अपने औषधीय फायदे हैं. दोनों तुलसी का इस्तेमाल बुखार, स्किन डिजिज, डाइजेशन और इम्यूनिटी को ठीक करने के लिए किया जाता है. इनका इस्तेमाल एंग्जायटी और तनाव को कम करने के लिए भी करते हैं. एक शोध से पता चला है कि तुसली के पानी का इस्तेमाल वजन घटाने के लिए किया जाता है. इसके इस्तेमाल से खांसी और जुकाम को भी खत्म किया जा सकता है.
रामा तुलसी एक नेचुरल बूस्टर है. इसका इस्तेमाल तनाव और हाई ब्लड प्रेशर को कम करने के लिए किया जाता है. इसमें एंटी कैंसर गुण होते हैं और ये अच्छी सेहत और पाचन को ठीक करने में मदद करती है.
दूसरी ओर, कृष्णा तुलसी अक्सर उन बच्चों को खिलाई जाती है जिनको जुखाम और खांसी की समस्या होती है. यह तेज बुखार के लिए भी फायदेमंद है. इसके एंटी-ऑक्सीडेट गुण दिल की समस्याओं और डायबिटीज के लिए भी अच्छे हैं. यह त्वचा को चमकदार बनाती है और बालों की लंबाई भी बढ़ाती है.
रोज तुलसी की दो या तीन पत्तियों को खाली पेट खाना चाहिए. इसकी चाय और काढ़ा भी बनाया जा सकता है. यह खून साफ करने में मदद करता है.
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