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स्वादिष्ट गुजिया के लिए आजमाएं ये रेसिपी, होली पर बनाएं कुछ स्पेशल…

डेस्क |

त्यौहार चाहे कोई भी हो, मीठे के बगैर पूरा नहीं होता। वहीं बात अगर होली की हो, तो गुजिया की बात होना बहुत जरूरी है। उत्तर भारत में होली के मौके पर हर घर में गुजिया बनाई जाती है। मैदे और मावे से तैयार गुजिया खाने में बहुत स्वादिष्ट होती है। मीडिया रिपोर्ट कहती है कि इसे छत्तीसगढ़ में कुसली, महाराष्ट्र में करंजी, बिहार में पेड़किया, आंध्र प्रदेश में कज्जिकयालु कहा जाता है। गुजिया बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी को काफी पसंद होती है।

हालांकि आज के समय में लोग कई अन्य तरह की गुजिया भी बनाने लगे हैं, लेकिन सबसे ज्यादा लोकप्रिय मावे की गुजिया ही है। तो आज हम जानेंगे गुजिया बनाने की आसान रेसिपी के बारे में…

सामग्री भरावन के लिए
मावा 500 ग्राम, शक्कर 500 ग्राम पिसी हुई, किशमिश 50 ग्राम, सूखा नारियल 100 ग्राम, छोटी इलाइची 08 कूटी हुई, काजू 100 ग्राम, घी 03 बड़े चम्मच

सामग्री आटे के लिए
मैदा 500 ग्राम, थोड़ा पानी, आटे में डालने के लिए घी, घी गुजिया फ्राई करने के लिए

गुजिया बनाने की विधि…

  • भरावन के लिए सामान तैयार करें। सबसे पहले एक कड़ाही में मावा डालें और इसे ब्राउन होने तक भून लें। इसके बाद अलग बर्तन में निकाल लें. इसके बाद सूखे नारियल को घिस लें, इलायची को छीलकर कूट लें और काजू को तोड़कर छोटे छोटे टुकड़े कर लें। जब मावा ठंडा हो जाए तो पिसी चीनी, काजू, इलायची और नारियल को इसमें मिला दें।
  • अब गुजिया का आटा तैयार करें। इसके लिए घी को पिघलाकर छने हुए मैदा में डालें। घी इतना डालें कि हाथ में आटे को लेकर मुट्ठी बांधने पर आटा हल्का बंधने लगे। इसके बाद पानी को हल्का गुनगुना करके सख्त आटा गूंथ लें। इस आटे को एक बर्तन में रखें और उस पर एक कपड़ा रखकर ढक दें।
  • करीब 15 मिनट बाद आटे को एक बार फिर हल्के हाथों से गूंथें। इसकी छोटी छोटी लोइयां बना लें। अब चकले पर लोई रखकर गोल पूड़ी की तरह बेलें। इसे सांचे पर रखें और इसके बीच में भरावन भरें। इसके बाद किनारों पर पानी लगाकर इसे सांचे की मदद से चिपका लें। इसके बाद गुजियों को रखें और उस पर कोई दोहरी परत में चादर डाल दें, ताकि इसमें हवा न लगे. एक एक करके सारी गुजिया ऐसे ही तैयार करें।
  • अब कड़ाही में घी गर्म करें और गुजियों को मीडियम आंच पर सेंके। हल्का ब्राउन होने दें। इसके बाद एक बर्तन में निकाल लें। होली वाले दिन भोग लगाने के बाद इसे खुद भी खाएं और घर आए मेहमानों को भी खिलाएं।