पेड़-पौधे ना सिर्फ घर की सुंदरता को बढ़ाते हैं. बल्कि आर्थिक उन्नति के द्वार भी खोलते हैं. वास्तु शास्त्र में घर में पेड़-पौधे लगने का विशेष महत्व है. ऐसा कहते है कि कुछ खास किस्म के पौधे या पेड़ घर में रहने से आर्थिक संपन्नता बढ़ती है. लेकिन कुछ पेड़ ऐसे भी होते हैं. जिन्हें घर के आंगन में लगाना बहुत अशुभ माना जाता है और घर में ऐसे पेड़ लगाने से जीवन पर नाकारात्मक प्रभाव पड़ने लगता है.
कई त्योंहारों और शुभ अवसरों पर पीपल के पेड़ की पूजा की जाती है. लेकिन वास्तु के मुताबिक, अगर घर के आंगन में पीपल का पेड़ मौजूद है. तो इससे घर में नकारात्मक प्रभाव आता है और घर के सदस्यों को आर्थिक समस्याएं घेरने लगती हैं. इसलिए पीपल के पेड़ को कभी भी घर के आंगन में नहीं लगाना चाहिए.
वहीं, इमली का पेड़ भी घर में लगाने से बचना चाहिए. यह पेड़ नकारात्मक ऊर्जा पैदा करता है. वास्तु के मुताबिक, जिस इंसान के घर के आंगन में इमली का पेड़ होता है. उसकी आर्थिक स्थिति हमेशा डामाडोल रहती है. इतना ही नहीं इमली का पेड़ घर के सामने रहने से रिश्तों में खटास पड़ने लगती है.
वास्तु शास्त्र के मुताबिक, खजूर के पेड़ को घर के आंगन में नहीं लगाना चाहिए. इस पेड़ से नकारात्मक ऊर्जा पैदा होती है. इससे घर में रहने वाले सदस्यों के जीवन में दरिद्रता आती है. साथ ही बने-बनाए कार्य भी बिगड़ने लगते हैं. तरक्की में बाधा उत्पन्न करता है.
इसी के साथ घर के सामने लगा बेर का पेड़ भी अशुभ माना जाता है. वास्तु के अनुसार, इसके पेड़ में लंबे-लंबे कांटे होने की वजह से इसे घर के आंगन में लगाना वर्जित माना गया है. जिस घर में बेर का पेड़ होता है, वहां के सदस्यों के बीच कलह शुरू हो जाते हैं. घर का सुख-चैन खत्म हो जाता है और आर्थिक तंगी घेरने लगती है.
जिन पेड़ों से दूध यानी सफेद पदार्थ निकलता है, उन्हें भी आंगन में लगाने से बचना चाहिए. यही वजह है कि मदार का पेड़ भी घर के आंगन में नहीं लगाना चाहिए. यह पेड़ घर के सामने लगाने से नकारात्मक ऊर्जा को जन्म देता है. मदार को आक के नाम से भी जाना जाता है.