मां सरस्वती की पूजा के लिए समर्पित वसंत पंचमी का पर्व इस साल 29 जनवरी दिन बुधवार को मनाया जाता है इस पर्व को मुख्य रूप से बसंत यानि नई फसलों या पेड़ों पर फूल आने का दिन माना जाता है। हिन्दू धर्म के अनुसार पूरे वर्ष को छह ऋतुओं में बांटा गया है। ग्रीष्म ऋतु, शरद ऋतु, हेमंत ऋतु, शिशिर ऋतु, वर्षा ऋतु और वसंत ऋतु। सरस्वती पूजा का मौसम बसंत ऋतु का माना गया है। इस मौसम में कई तरह के फूल खिलते हैं। बसंत ऋतु में पेड़ों और पौधों पर नई कोंपलें निकलती हैं। इस दिन विद्या की देवी सरस्वती की पूजा की जाती है। यह पूजा पूर्वी भारत, पश्चिमोत्तर बांग्लादेश, नेपाल और कई राष्ट्रों में बड़े उल्लास से मनायी जाती है। इस दिन स्त्रियाँ पीले वस्त्र धारण करती हैं।
हिन्दू धर्म में इस दिन का खास ही महत्व है। माना जाता है कि वसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा करने से विद्यार्थियों को बुद्धि और विद्या का वरदान प्राप्त होता है। वसंत पंचमी के त्योहार पर लोग पीले वस्त्र पहनते हैं और पीले रंग के फूलों से मां सरस्वती की पूजा करते हैं। वहीं, कई स्कूलों में भी सरस्वती पूजा की जाती है। शास्त्रों के अुनसार वसंत पचंमी से सर्दी कम हो जाती है और गर्मी के आगमन की आहट मिलने लगती है। वसंत पंचमी तिथि को शादी-विवाह, गृह प्रवेश आदि कार्यों के लिए शुभ माना जाता है।