भारतीय समाज में महिलाओं को बहुआयामी रूप में जाना जाता है। घर के कामकाज से लेकर दफ्तर संभालने तक महिलाएं हर जगह अपना रोल अदा कर ही हैं। पिछले एक दशक में लगभग हर क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ती देखी गई है। महिलाओं के त्याग, समर्पण और क्षमताओं को सम्मान देने के लिए हर साल 8 मार्च को अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Women’s Day) मनाया जाता है। आज इस मौके पर आप भी महिलाओं के लाइफस्टाइल के लिए महत्वपूर्ण जानकारी दे सकते हैं…
18-25 वर्ष की उम्र –
यह उम्र युवावस्था की होती है जिसमें अधिकतर लड़कियों की शादी हो जाती है। शादी के बाद आमतौर पर एनीमिया, माहवारी की अनियमितता, संक्रमण रोग, रिप्रोडक्टिव ऑर्गन इंफेक्शन और अनचाहे गर्भ के मामले अधिक देखे जाते हैं। 50 फीसदी लड़कियां शादी के बाद अपनी स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं नहीं बता पाती हैं जिससे बीमारी अधिक फैल जाती है। तकलीफ होने पर बिना देरी किए डॉक्टर को दिखाएं। लापरवाही से स्वास्थ्य संबंधी परेशानी अधिक बढ़ सकती है।
25-35 वर्ष की उम्र –
ये उम्र महिलाओं की वह अवस्था है जिसमें वे अपने साथ बच्चों और घर-परिवार की जिम्मेदारी संभालती हैं। काम का बोझ अधिक होने से शरीर में ऊर्जा की कमी होती है। मानसिक दबाव बढ़ता है। इसी उम्र में हॉर्मोन असंतुलन से महिला का वजन तेजी से बढ़ता या घटता है। बाल झड़ने के साथ जोड़ों में दर्द और हड्डियां कमजोर होती हैं। इससे कमजोरी, चक्कर आना, काम में मन न लगना और हर वक्त थकान रहती है। गंभीर मामलों में घबराहट के साथ बेहोशी भी आती है।
35-50 वर्ष की उम्र –
उम्र का ये पड़ाव कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी की शुरुआत का भी होता है। माहवारी में अनियमितता उम्र के इसी दौर में शुरू होती है। हॉर्मोनल असंतुलन की वजह से थायरॉइड और शरीर में सूजन और मोटापे की तकलीफ बढ़ती है। बच्चेदानी के मुंह का कैंसर भी इसी उम्र में अधिक होता है। बढ़ती उम्र के साथ शरीर भी कमजोर होता है जिससे मानसिक रोग होने का खतरा रहता है। ये उम्र अधिक देखभाल की होती है ताकि महिलाओं को स्वास्थ्य संबंधी कोई समस्या न हो।
बढ़ती उम्र के साथ महिलाएं इस तरह रखें अपना ख्याल
रूटीन में शामिल करें एक्सरसाइज- खुद को फिट रखने के लिए अपनी रूटीन में एक्सरसाइज को शामिल करें। रोजाना 30 से 45 मिनट तक वर्कआउट करने से आप न सिर्फ फिट रहेंगी, बल्कि चेहरे पर ग्लो भी आ जाएगा। इसके अलावा झुर्रियां भी नहीं दिखेंगी और मसल्स टोन रहेंगे। बता दें कि एक्सरसाइज की मदद से आप शारीरिक ही नहीं बल्कि मानसिक तौर पर फिट रहेंगी।
काढ़ा पीने की डालें आदत- महिलाओं को सुबह-सुबह चाय पीने की आदत होती है,लेकिन आप अपनी इस आदत को बदल दें। सुबह काढ़ा या फिर गर्म पानी पीने की आदत डालें। काढ़ा की मदद से आप मेटॉबोलिज्म को बूस्ट कर सकती हैं और इस तरह आप खुद को बीमार होने से बचा सकती हैं। मेटॉबोलिज्म बूस्ट करने के लिए सुबह-सुबह काढ़ा पीना फायदेमंद हो सकता है।
नाश्ते में हो पोष्टिक आहार- महिलाएं घर के काम को जल्दी-जल्दी निपटाने के बाद ऑफिस के लिए निकल जाती हैं। इस दौरान वह नाश्ता खाना भूल जाती हैं या फिर बाहर खाती हैं। बाहर मिलने वाले जंक फूड खाने से शरीर में चर्बी बढ़ती है। इसलिए मोटापे से बचने के लिए जंक फूड या फिर बाहर खाना बंद करना होगा। वहीं कोशिश करें कि नाश्ते में हेल्दी आहार का ही सेवन करें।
फाइबर युक्त हो आपका डायट- आपने डायट को हेल्दी बनाने के लिए हरी सब्जियां और फाइबर युक्त आहार को शामिल करें। यह शरीर के पोषक तत्वों की कमी को दूर करेगा और फाइबर से पेट साफ रखेगा। बता दें कि अगर आपका पेट साफ रहेगा तो त्वचा संबंधी परेशानियां नहीं होंगी। डायट में आप सलाद, दाल, जैसी चीजों को शामिल कर सकते हैं, यह सेहत के लिए अच्छा होता है।
समय पर सोएं- कई बार महिलाएं घर का काम और ऑफिस के काम को निपटाने में लग जाती हैं। इसकी वजह से उन्हें सोने में देरी होती है और सुबह जल्दी उठ जाती हैं। इस तरह उनकी नींद पूरी नहीं हो पाती है, जिसका असर सेहत पर पड़ता है। 8 घंटे की नींद शरीर के लिए बेहद जरूरी है, इसलिए सोने का समय निर्धारित रखें। खुद को फिट और रिफ्रेश रखने के लिए बेहद जरूरी है अच्छी नींद लेना। इसलिए टाइम पर उठे और टाइम पर सोने जाएं।