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कलम गुड़िया के साथ हुई बर्बरता पर भी रोई थी, कलम डॉ प्रियंका की अधजली तस्वीर देखकर भी आंसू बहा रही है

पी. चंद, शिमला |

क़लम उस वक़्त भी रोई थी जब कोटखाई गुड़िया रेप मर्डर हुआ था, कलम आज भी रो रही है जब प्रियंका रेडी की गैंगरेप के बाद अधजली तस्वीर सामने आई। सोशल मीडिया पर वायरल प्रियंका की अधजली लाश आंखों के सामने घूम रही है। कलम आज फ़िर आंसू बहा रही है। कोटखाई के जंगल में गुड़िया का नग्न शव जब मिला था उस वक़्त भी क़लम ने खूब आंसू बहाए थे। वो भीगी आंखे आज भी गुड़ियां के लिए इंसाफ को तलाश कर रही हैं। क्योंकि ये कलम रोई तो बहुत लेकिन शब्द रूपी आंसू गुड़िया को इंसाफ नहीं दिला पाए। आज भारी मन से कलम फ़िर प्रियंका की लाश पर आंसू बहा रही है। लेकिन सवाल यही है कि ये आंसू कभी रुकेंगे या फ़िर इस देश की ऐसी वीभत्स तस्वीरें हमेशा डराती रहेंगी?

बड़ी हिम्मत कर भारी मन से ये लिखने को मजबूर हुआ हूं कब तक ऐसी खबरें लिखूंगा समझ नहीं पा रहा हूं। क्या हो गया है इस ऋषि मुनियों के देश को जहां कन्याओं का पूजन होता है देवी दुर्गा, लक्ष्मी काली और सरस्वती को दिन रात पूजा जाता हैं। वहीं पर इस तरह की मन को झिंझोड़ने वाली घटनाएं सामने आ रही हैं। कभी दिल्ली की निर्भया दरिंदों का शिकार होती है, कठुआ में बच्ची के साथ दरिंदगी होती है, कोटखाई के जंगलों में गुड़िया को मौत के घाट उतार दिया जाता है, अब प्रियंका को जला देने की वीभत्स तस्वीर, कहां जा रहा है ये देश? फिर भला ऐसी दिल दहला देने वाली घटना को मेरी कलम कैसे लिखे। आंख ही नहीं आज फ़िर ये कलम आंसू बहा रही है।

                                    कल जंगल में मासूमियत कितनी चीखी होगी,
                                                         आज गलियों में न जाने रूह कैसे तड़पी होगी।