चुनावों से पहले बड़े बड़े लोकलुभावन वायदे कर नेता कुर्सी मिलते ही अपने लिए लक्सरी सुख सुविधाएं व जनता पर बोझ डालने का काम शुरू कर देते है। सत्ता मिलते ही जय राम ठाकुर सरकार पिछली कांग्रेस सरकार पर हिमाचल के घाटे पर खूब रोना रोती रही। उस वक़्त जनता को लगा कि गरीब परिवार का मुख्यमंत्री गरीबों का हितैषी है। लेकिन जैसे जैसे समय बीत रहा है जनता का भ्रम टूट रहा है। पेट्रोल डीजल के आसमान छूती कीमतों के बीच जय राम सरकार ने 24 फ़ीसदी तक बस किराया बढ़ाकर जनता को पहला बढ़ा तोहफ़ा दे दिया है।
जनता को इस बढ़े हुए किराए को देने में कोई दिक़्क़त नहीं है। यदि सरकार निगम व निज़ी बसों के घाटे को जनता की जेब से पूरा करना चाहती है इसमें भी लोग परेशान नही है। लेकिन अपने व मंत्रियों के लिए महँगी लक्सरी गाड़िया ली जा रही है। वेवजह सचेतक बनाकर लाखों करोड़ों जनता का पैसा फूंका जा रहा है। यदि सरकार को प्रदेश के घाटे की इतनी चिंता है तो अपनी सुख सुविधाएं कम कर ने के बाद जनता पर बोझ डाले। परन्तु प्रदेश की परवाह किसे है। बाबजूद इसके ये पब्लिक है सब जानती है।