बीजेपी के धन बल के प्रचार के आगे कांग्रेस पिछड़ती नज़र आ रही है। हिमाचल प्रदेश में भाजपा एक साल से लोकसभा की तैयारियों में जुटी थी तो दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी आपस मे उलझ कर गुटबाजी में फंसी थी। टिकट के मामले में भी कांग्रेस भाजपा से काफ़ी पीछे रही। जिन नेताओं से कांग्रेस पार्टी को टिकट के लिए पैसे देकर अप्लाई किया उनको टिकट नही दी गई। अब जब प्रचार चरम पर है तब भी कांग्रेस भाजपा के मुकाबले पिछड़ी नज़र आ रही है। बीजेपी का हर नेता और कार्यकर्ता प्रचार में जुटा है जबकि कांग्रेस के कुछ नेता ही प्रचार कर रहे है। कार्यकर्ता तो फ़ील्ड में नज़र ही नही आ रहे है।
यदि बात खबरों और विज्ञापन की करे इसमें भी कांग्रेस दूर दूर तक नज़र नहीं आ रही है। अखबार बीजेपी के विज्ञापनों से भरे पड़े हैं। खबरें भी भाजपा की ही ज़्यादा लग रही है जबकि कांग्रेस का कोई विज्ञापन अखबारों में अभी तक नही दिखा है। खबरें भी विज्ञापन के आधार पर जगह पाती है।
हां प्रचार चाहे हो न हो कांग्रेस के नेता आजकल उड़नखटोलों में घूमने का खूब मज़ा ले रहे हैं। कांग्रेस के नेता ये तो कह रहे है कि उनके पास धन बल नही है जनबल है। लेकिन जनबल भी उतना दिख नही रहा है। यहां तक कि कांग्रेस के कई नेता व कार्यकर्ता भी नाराज़ चल रहे हैं व प्रचार में निष्क्रिय भूमिका निभा रहे है।