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लोकसभा चुनाव से पहले हिमाचल की सियासत में बीजेपी-कांग्रेस में दलबदल की सुगबुगाहट!

पी. चंद |

कहा जाता है की राजनीति अनिश्चितताओं का खेल है। यहां सुविधाओं और स्वार्थपरता के हिसाब से गोटियां फिट की जाती हैं। लोकसभा चुनावों को लेकर हिमाचल की सियासत में अभी से दल बदल की बू आने लगी है। टिकट की लालसा और एक दूसरे से आगे बढ़ने की होड़ हिमाचल में लोकसभा चुनाव से पहले नए समीकरण बनाती नज़र आ रही है। राजनीतिक गलियारों से कांग्रेस के नेताओं के बीजेपी में और बीजेपी के नाराज़ नेताओं के कांग्रेस में शामिल होने की चर्चाओं का बाज़ार गर्माया हुआ है।

खबर तो ये भी है कि 16 अगस्त को होने वाले बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के शिमला दौरे में कांग्रेस के बड़े रुष्ट नेता बीजेपी में शामिल होने के जुगाड़ में है। शिमला संसदीय क्षेत्र और कांगड़ा संसदीय सीट से कांग्रेसी नेता बीजेपी के संपर्क में हैं और बीजेपी में जाने की तैयारी कर चुके हैं।

दूसरी तरफ मंडी संसदीय सीट से भी बीजेपी के बड़े नेता के कांग्रेस में जाने की अटकलें लग रही हैं। ये नेता यदि कांग्रेस में शामिल होते हैं तो मंडी संसदीय क्षेत्र में कड़ा मुकाबला देखने को मिल सकती है।

उधर, बीजेपी के कुछ नेता तो निगमों- बोर्डों की जारी होने वाली लिस्ट का इंतज़ार कर रहे हैं। यदि ताजपोशी की उम्मीद पाले बैठे बीजेपी नेताओं की महत्वकांक्षा पूरी नहीं होती है तो बग़ावत दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी में भी हो सकती है। ऐसे भी कुछ नेता है जिनकी घर वापिसी के बाद भी पार्टी में दिल नहीं लग रहा है और वह अपने आप को पार्टी में ठगा सा महसूस कर रहे हैं।

वैसे भी कहा जाता है कि राजनीति में कभी किसी का कोई स्थाई मित्र या शत्रु नहीं होता है और यहां तो अब मूल्य पर आधारित राजनीति का भी कोई बंधन नहीं है। ऐसे में जहां अपने हित दिखे उसी तरफ हवाओं का रुख मुड़ जाता है।