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अगर मंडी से बनेगा बीजेपी का अध्यक्ष तो प्रदेश में बदलेंगे राजनीतिक समीकरण!

नवनीत बत्ता |

हिमाचल प्रदेश भाजपा के संगठनात्मक चुनाव की घोषणा मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती ने दो दिन पहले कर दी है। इसी के साथ हिमाचल में प्रदेश अध्यक्ष को लेकर भी चर्चाएं गरमाने लगी हैं। इन सबके बीच में माना यह जा रहा है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर पूरा प्रयास करेंगे कि उन्हीं के विश्वसनीय चेहरों में से कोई चेहरा प्रदेश अध्यक्ष के रूप में नजर आए। इसी के साथ प्रदेश भाजपा के दोनो बड़े नेता पूर्व सांसद शांता कुमार और पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल भी कहीं ना कहीं प्रदेश अध्यक्ष के चुनावों पर अपनी नजरें गड़ाए हुए हैं।

सूत्रों की माने तो मौजूदा समय में सुंदरनगर से विधायक राकेश जम्वाल का नाम मुख्यमंत्री के लिए प्रदेश अध्यक्ष के रूप में सबसे अधिक सूट तो जरूर कर रहा है लेकिन इन सबके बीच में अगर एक ही जिले से मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष बनते हैं तो बाकी पूरे प्रदेश में कहीं ना कहीं इसको लेकर असंतोष जैसा माहौल नजर आ सकता है। जिसकी तस्दीक भाजपा के ही कुछ लोग खुद कर रहे हैं । बीजेपी के ही नेता मानते हैं कि राजनीतिक संतुलन बहुत महत्वपूर्ण रहता है और प्रदेश के कुछ एक  जिलों को छोड़कर बाकी जगहों पर इस समय बड़ा राजनीतिक संतुलन पूरी तरह बिगड़ा हुआ है।

 इसी के साथ सिरमौर जिला से प्रदेश महासचिव चंद्र मोहन ठाकुर का नाम,  बिलासपुर से त्रिलोक जमवाल, कांगड़ा से राजीव भारद्वाज के अलावा दूसरा नाम ढूंढा जा रहा है। वहीं, हमीरपुर से उपाध्यक्ष विजय अग्निहोत्री का नाम भी अध्यक्ष की दौड़ में बना हुआ है।  इसके साथ ही मुख्यमंत्री के OSP महेंद्र धर्माणी अगर अपने पद से त्यागपत्र देते हैं तो माना जा रहा है कि बिलासपुर से वह भी प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में शामिल हो सकते हैं।

अगर हम मौजूदा राजनीतिक माहौल की बात करें तो कांगड़ा में भाजपा के लिए स्थिति सबसे पेचीदा बनी हुई है जहां पर रमेश धावाला और इंदु गोस्वामी की बगावत चर्चा में है। इसी के साथ सरवीन चौधरी की अनदेखी भी कहीं ना कहीं कांगड़ा में बीजेपी के भीतर असंतोष है फैलाए हुए हैं। इस सारी स्थिति को कंट्रोल करने के लिए भी बीजेपी कांगड़ा से प्रदेश अध्यक्ष चुन तो सकती है। लेकिन, कोई भी इस स्तर का कद्दावर नेता नजर नहीं आ रहा है। वहीं एक पद एक चेहरे के नियम को अगर बीजेपी प्रदेश में लागू करती हैं तो संभावित प्रत्याशियों में बहुत से ऐसे चेहरे हैं जो मौजूदा समय में सरकार के महत्वपूर्ण पदों पर मौजूद हैं।

अगर इस नियम के तहत चुनाव होगा तो सरकार बीजेपी के पास है संभावनाएं भी बहुत कम रह जाएंगी लेकिन बीजेपी का संविधान है कि एक व्यक्ति एक पद ऐसे में अब प्रदेश का मुख्य कौन होगा यह अपने आप में बड़ा सवाल बना हुआ है और कहीं ना कहीं इस चुनाव में बड़ी राजनीति भी देखने को मिल सकती हैं। जिसमें जयराम ठाकुर के अलावा बीजेपी के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, केंद्रीय राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर, पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार, पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल, संगठन मंत्री पवन राणा भी अपनी सक्रियता प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से दिखा सकते हैं।