हिमाचल और गुजरात का चुनाव कांग्रेस पार्टी के महत्वपूर्ण माना जा रहा है। ये दो राज्यो के चुनाव 2019 के आम चुनावों में कांग्रेस के भविष्य की दशा एवम दिशा तय करेंगे। कांग्रेस पार्टी भी ये भली भांति जानती है कि इन दो राज्यों में पिछड़ी तो 2019 का सपना कभी पूरा नहीं होगा। इसमें गुजरात के चुनाव पर कांग्रेस जी तोड़ मेहनत कर रही है। कांग्रेस का सारा फोकस ही गुजरात पर है।
हो भी क्यों नही देश की सबसे बड़ी और पुरानी पार्टी जिसने 50 साल तक देश पर राज किया वह पिछले लोकसभा चुनावों में 44 सीट ही जीत पाई। उसके बाद से पंजाब को छोड़ दिया जाए तो चुनावों में लगातार कांग्रेस को हार का मुंह देखना पड़ा। ये सब कांग्रेस की गलत नीतियों की वजह से हुआ या कांग्रेस के नेताओं के अंदर उपजे गरूर के कारण हुआ या फिर बीजेपी कांग्रेस के मुकाबले बढ़िया प्रबंधन कर पाई इसलिए कांग्रेस की स्थिति खराब हुई। अब कांग्रेस को इस पर मंथन के साथ साथ आत्मचिंतन करने की जरूरत है।
गुजरात एवं हिमाचल से यदि कांग्रेस पार्टी को संजीवनी मिलती है तो कांग्रेस का भविष्य संवर सकता है लेकिन यहां भी यूपी और उतराखंड जैसा हाल हुआ फिर तो कांग्रेस पार्टी को नए सिरे से शून्य से अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़नी पड़ेगी। आज कांग्रेस को बड़े बदलाब की जरूरत है जिसके लिए ताज़ा दो राज्यों के चुनावी परिणाम अहम भूमिका अदा करेंगे।