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फारेस्ट क्लीयरेंस में फंसे हिमाचल के 600 प्रोजेक्ट, विधायक प्राथमिकताओं की बैठक में पक्ष और विपक्ष आमने-सामने 

पी. चंद |

हिमाचल के सियासी गलियारों में फ़िर से गरमाहट आ गई है। बजट सत्र से पहले विधायक प्राथमिकताओं को लेकर दो दिन तक बैठकों का दौर शुरू हो गया है। पहले दिन दोपहर तक चंबा, सिरमौर और ऊना ज़िलों के विधायकों के साथ बैठक हुई। उसके बाद मंडी, कुल्लू और बिलासपुर ज़िलों के विधायकों की बैठक आयोजित की गई। बैठक से निकलने के बाद नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री विपक्ष के नेता सरकार पर खूब बरसे।

विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने बताया कि सरकार विधायक प्राथमिकताओं की बैठकों में महज़ खाना पूर्ति कर रही है। विपक्ष के विधायकों की प्राथमिकताओं को कभी पूरा नहीं किया जाता है। जब मुख्यमंत्री से इसके बारे में पूछा तो मुख्यमंत्री कहते हैं कि आपकी सरकार में भी ऐसा ही होता था। अग्निहोत्री ने कहा कि सरकार को नई परम्पराओं की शुरुआत करनी चाहिए क्योंकि विधायक लोकतंत्र की मजबूत कड़ी है।

उधर, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बताया कि हिमाचल में विधायकों की प्राथमिकताओं को पूरी तरज़ीह दी जाती है। मुख्यमंत्री ने माना कि फारेस्ट क्लीयरेंस की वजह से हिमाचल में 600 प्रोजेक्ट लटके पड़े हैं। यदि यही हालत रहे तो सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा न खटखटाना पड़े। 15 वें वित्त आयोग से हिमाचल के फंड्स में कोई कमी नहीं आएगी हां योजनाओं के नामों में फ़ेरबदल हो सकता है।

कांगड़ा और हमीरपुर ज़िलों के विधायकों के साथ बैठक 9 फरवरी, 2021 को प्रातः 10.30 बजे से दोपहर 1.30 बजे तक जबकि लाहौल स्पीति, किन्नौर, सोलन और शिमला ज़िलों के विधायकों की बैठक दोपहर बाद 2.00 बजे से सांय  5.00 बजे तक आयोजित की जाएंगी।