<p>पूर्व मंत्री और सदर के बीजेपी विधायक अनिल शर्मा ने लंबे अर्से के बाद चुप्पी तोड़ते हुए अपना दर्द बयां किया। अपने आवास में पत्रकारों से बात करते हुए अनिल शर्मा ने कहा कि उनके परिवार ने राजनीतिक रूप से कई उतार चढ़ाव देखे हैं। लोकसभा चुनाव में उनके बेटे द्वारा कांग्रेस का टिकट लेने का फैसला उनके परिवार का था, उनका नहीं। लेकिन सरकार और पार्टी के लोगों ने उन्हें नीचा दिखाने का प्रयास किया। </p>
<p>अनिल शर्मा ने कहा कि सेरी मंच पर अपनी ही सरकार के मंत्री और सांसद ने मुख्यमंत्री के सामने उन पर हमला बोल कर जलील करने की कोशिश की गई। मैं उस समय चुप रहा यह मेरी कमजोरी नहीं थी, मैं अपने क्षेत्र के लोगों के हित में चुप रहा। अनिल शर्मा ने कहा कि उनके बेटे और पिता ने जनता की नब्ज टटोले बिना ही जल्दबाजी में फैसला लिया। जिसे जनता ने नकार दिया । मगर अब ऐसा नहीं होगा। आने वाले विधानसभा चुनाव वे किस दल से लड़ेंगे। इस बारे में उनका कहना था कि वे जनता को विश्वास में लेकर ही कोई फैसला करेंगे। अनिल शर्मा ने कहा कि मेरा राजनीतिक भविष्य अब सदर की जनता ही तय करेगी।</p>
<p>उन्होंने कहा कि पूर्व ऊर्जा मंत्री और विधायक होने के बावजूद बिजली बोर्ड के अधिकारियों द्वारा लॉकडाउन के दौरान उनके नए घर की बिजली हर रोज काट दी जाती थी। उस दौरान उनका बेटा, बहू और मुंबई से उनके साथ कई अन्य लोग भी आए थे। हर रोज रात के समय उनके घर में अंधेरा हो जाता था। इस बारे में वे बिजली बोर्ड के अधिकारियों से फोन कर पूछते थे कि आपका मंत्री रहा हूं मुझे किस बात की सजा दी जा रही है। उसी प्रकार लॉकडाउन के दौरान उनके परिवार को होम क्वारंटिन करने को लेकर भी प्रशासन आनाकानी करने लगा। अंत मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप करने पर उन्हें होम आईसोलेशन में रहने दिया गया। जबकि उनके बेटे को स्वारघाट बैरियर पर परेशान किया गया। </p>
<p>अनिल शर्मा ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि वे मंडी जिला से संबंधित हैं और मंडी शहर में कई विकासकार्य अधर में लटके हुए हैं। उन्हें समय रहते शुरू करवा कर पुरा किया जाए। जिनमें सकोहडी खड्ड पर बनने वाला रोड़, यू ब्लॉक में बनने वाली पार्किंग जिसमें कुछ लोग शॉपिंग मॉल बनाने की भी बात कर रहे हैं। इसे पार्किंग ही बनाया जाए तो शहर में पार्किंग की समस्या का समाधान हो जाएगा। इसके अलावा थौना पलाह प्रोजेक्ट का कार्य भी शीघ्र शुरू किया जाए। उन्होंने कहा कि मंडी से जेल शिफट करने का मुददा भी अभी अधर में लटका हुआ है। </p>
<p>उन्होंने कहा कि कुछ लोग यह प्रचारित कर रहे हैं कि अनिल शर्मा ने नगर निगम का विरोध किया है। लेकिन विधायक होने के नाते मुझे गांव के लोगों की समस्या को भी देखना है। मैनें ही नहीं बल्ह और द्रंग के विधायकों ने भी इसका विरोध किया है। गांव के लोगों को इस बारे में बताया जाए कि पंचायतों को इसके बदले में क्या मिलेगा। लोगों को जोड़ें और उनकी समस्याओं को भी सुनें। अनिल शर्मा ने कहा कि मंडी में हवाई पटटी बनें वे भी इसका समर्थन करते हैं। मगर यह बताया जाए कि लोगों को मुआवजा फैक्टर टू के आधार पर चार गुणा मिलेगा या नहीं।</p>
<p>उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का कार्यकाल मात्र दो साल रह गया है। ऐसे में लोगों को सब्जबाग दिखाने के बजाय जमीनी स्तर पर कार्य किए जाएं। उन्होंने कहा कि वे 1993 से विधायक और मंत्री बनें, कांग्रेस और भाजपा दोनों ही सरकारों में मंत्री रहे और अपना काम ईमानदारी से किया है। काम से ही अपनी पहचान बनाई है। जनता अगर चाहेगी तो राजनीति में रहूंगा, लोगों द्वारा नकारे गए राजनेताओं की तरह राजनीति में चिपके रहने का कोई शौक नहीं है। </p>
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