मानसून सत्र का दूसरा दिन भी चढ़ा हंगामे की भेंट, नहीं हुई कोई चर्चा

<p>मानसून सत्र के पहले दिन में हुए हंगामे के बाद दूसरे दिन बुधवार को भी सदन में खूब हंगामा हुआ। इसी के चलते एक बार फिर सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया है और सदन में किसी मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं हुई।</p>

<p>दरअसल, 12 बजे सदन में कार्यवाही शुरू होने के बाद भी विपक्ष&nbsp;की सदन बेल में नारेबाजी जारी रही। विपक्ष 67 स्थगन प्रस्ताव को लेकर चर्चा पर अड़ा रहा। विधानसभा अध्यक्ष बृज बिहारी लाल बुटेल ने कहा कि नियम 67 में इस बिगड़ती कानून व्यवस्था पर चर्चा नहीं दी जा सकती, इसलिए नियम 130 के तहत चर्चा दी गई है। अब विपक्ष को 130 के तहत चर्चा करने में क्या दिक्कत है। लेकिन, विपक्ष अपनी चर्चा की मांग पर अड़ा रहा।&nbsp;</p>

<p>इसी बीच विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही शुरू करने की घोषणा कर दी। भाजपा ने सदन के अंदर ही नारेबाजी शुरू कर दी। नारेबाजी करते हुए विपक्ष के सभी विधायक स्पीकर के सामने वाली बेल में आ गए। सदन की कार्यवाही के बीच विपक्ष की नारेबाजी जारी रही।</p>

<p>स्पीकर बार बार विपक्ष से चर्चा में &nbsp;भाग लेने की बात कहते रहे जब विपक्ष नहीं माना तो सदन की कार्यवाही कल यानी गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी। बता दें कि नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार धूमल सदन में मौजूद नहीं रहे, क्योंकि उनके नज़दीकी रिश्तेदार की मृत्यु हो गई है।</p>

<p><strong>बीजेपी का आरोप, जानबूझ कर चर्चा से भाग रही&nbsp;सरकार</strong></p>

<p>नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार धूमल की गैर-मौजूदगी में मोर्चा बीजेपी चीफ विहिप सुरेश भारद्वाज ने संभाला। सुरेश भारद्वाज ने सरकार पर निशाना साधा और कहा की सरकार जानबूझ कर चर्चा से भाग रही है। बीजेपी सदन में नियम 67 के तहत चर्चा मांग रही है, लेकिन सरकार ने सभी नियमों को ताक पर रखते हुए 130 के तहत चर्चा दी। वह चर्चा भी बरसात के नुकसान के बाद रखी गई, जो भाजपा को मंजूर नहीं है।</p>

<p><strong>आशा कुमारी को निलंबित करने की मांग</strong></p>

<p>सुरेश भारद्वाज ने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेता आशा कुमारी अध्यक्ष की गैर-मौजूदगी में विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठकर सदन की कार्यवाही को 12 बजे तक के लिए स्थगित कर देती हैं। ऐसा जब धर्मशाला में उन्होंने किया था, तो उन्हें विधानसभा से दो दिन के लिए निलंबित कर दिया था। अब अध्यक्ष से आशा कुमारी को भी निलंबित करने की मांग उठाई है।</p>

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