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JNU में किसके इशारे पर हुई गुंडागर्दी, स्पष्ट करे सरकार: रजनी पाटिल

पी.चंद |

हिमाचल कांग्रेस की प्रभारी रजनी पाटिल ने कहा है कि जेएनयू में गुंडागर्दी का खुला नाच होना निंदनीय है। सरकार इस मामले में स्पष्ट करे कि वो असामाजिक तत्व कौन हैं और किसके इशारे पर बेखौफ होकर ऐसी हिंसा का नंगा नाच खेला गया। उन्होंने कहा कि देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह नागरिकता कानून और एनआरसी जैसे मामलों को इसलिए हवा दे रहे हैं ताकि आम जनता का ध्यान महंगाई और बेरोजगारी से हटाया जा सके। पाटिल ने कहा है कि वर्तमान में हिंदुस्तान की अर्थव्यवस्था बुरी तरह से मंदी की चपेट में आ चुकी है।

केंद्र सरकार के पास हिंदुस्तान के नौजवानों को रोजगार देने के नाम पर कोई विजन नहीं है। सिर्फ और सिर्फ देश को धार्मिक कट्टरवादिता में उलझाकर भाजपा सत्ता में बने रहने के अपने इकलौते मकसद को पूरा कर रही है। भाजपा को इस देश के आम लोगों की जरूरतों से कोई सरोकार नहीं है। देश की गरीब जनता को आर्थिक आत्मनिर्भरता की ओर ले जाने के बजाय केंद्र सरकार में बैठी भाजपा आए दिन कोई न कोई इस तरह का शिगूफा छोड़ती रहती है जिससे कि देश के लोगों को उनकी बुनियादी जरूरतों और उनकी दिक्कतों का समाधान कराने के लिए केंद्र सरकार की ओर ध्यान नहीं जाए और लोग सिर्फ और सिर्फ धर्म की राजनीति में फंसे रहे।

रजनी पाटिल ने कहा कि अर्थव्यवस्था की कमजोरी के चलते इस देश में अब तक लाखों के हिसाब से नौकरियां छिनी जा चुकी हैं। निजी क्षेत्र में कई कंपनियां लगातार बढ़ते हुए घाटे के चलते अपना कारोबार समेट रही हैं केंद्र सरकार सरकारी उपक्रम की तमाम कंपनियों को बेच रही है जिससे कि आने वाले दिनों में हालात और बिगड़ने की संभावनाएं बढ़ गई हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब भी महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दों पर आम लोगों को सवालों के आगे घिरने लगते हैं तो वे पाकिस्तान को सामने लाकर खड़ा कर देते हैं ताकि लोगों पाकिस्तान के नाम पर भावनात्मक करके देश की ज्वलंत समस्याओं से भटकाया जा सके।

हिमाचल कांग्रेस प्रभारी ने कहा कि मौजूदा केंद्र सरकार के कार्यकाल में इस देश में आम आदमी से लेकर मीडिया कर्मी, साहित्यकार व फिल्म कर्मियों और शायरों तक की जुबान सिलने के प्रयास लगातार जारी हैं।देश में अब लोकतंत्र की आत्मा घुटन महसूस कर रही है।केंद्र सरकार की ओर से हाल में लिए गए तमाम फैसले देश के संविधान की मूल भावना के खिलाफ रहे हैं। उन्होंने कहा कि हालात ऐसे हैं कि जहां-जहां भाजपा की सरकारें हैं, वहां-वहां पर धार्मिक उन्माद के जरिए आए दिन परेशानी खड़ी करने की कोशिशें हो रही हैं।

पाटिल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह दोनों की नीतियों से अब देश का आम नागरिक का बुरी तरह से आहत हो चुका है और हिंदुस्तान के लोग एक बार फिर से बेहतर गवर्नेंस के लिए कांग्रेस को इकलौते विकल्प के रूप में देखने लगे हैं। उन्होंने कहा कि जब से हिंदुस्तान में भाजपा की सरकार आई है, तब से राजनीतिक और आर्थिक दोनों स्तर पर देश अस्थिरता के माहौल से गुजरता चला रहा है।