जुब्बल कोटखाई से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे चेतन बरागटा को मनाने में भाजपा नाकाम रही है। चेतन बरागटा ने चुनावी मैदान नहीं छोड़ा है। आज 13 अक्टूबर को नामांकन वापसी का आख़िरी दिन था। लेकिन उन्होंने अपना नाम वापस नहीं लिया। इसके साथ ही चुनाव आयोग ने उन्हें चुनाव चिन्ह जारी कर दिया है। चेतन बरागटा को चुनाव चिन्ह सेब मिला है।
चेतन बराग्टा अब कांग्रेस प्रत्याशी के साथ भाजपा प्रत्याशी को उपचुनाव में टक्कर देंगे। चेतन बराग्टा को चुनाव चिन्ह सेब इसलिए भी ख़ास माना जा रहा है क्योंकि जुब्बल कोटखाई को ऐप्पल बेल्ट भी कहा जाता है। यहां अधिकतम बागवान सेब की खेती करते हैं जिसके चलते राजनीतिक दृष्टि से चेतन बराग्टा का ये चुनाव चिन्ह लक्की चार्म रह सकता है। पहले ही चेतन बराग्टा के पास संपथी वोट बैंक का यका पड़ा है और अब चुनाव चिन्ह सेब का होना अपने आप हुकम के बादशाह वाला काम करेगा।
उधर, चेतन के मैदान में जुटे रहने से भाजपा को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। जुब्बल कोटखाई भाजपा के अधिकतर भाजपा कार्यकर्ता चेतन के साथ हैं। इसके अलावा उनके साथ पिता स्वर्गीय नरेंद्र बरागटा की संवेदनाएं भी जुड़ी हुई है। उधर, कांग्रेस पार्टी के रोहित ठाकुर भी जुब्बल कोटखाई से सशक्त उम्मीदवार हैं। ऐसे में भाजपा की डगर कठिन नज़र आ रही है। देखना यही होगा कि भाजपा किस तरह डैमेज कंट्रोल करती है।
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