हिमाचल प्रदेश बीजेपी के युवा नेता अरुण धूमल ने गुड़िया मामले में खुलासा करते हुए एक बार फिर मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। धूमल ने कहा कि हाईकोर्ट ने सीबीआई पेशी के बाद एक बात स्पष्ट कर दी है कि जब तक मामला सीबीआई के पास नहीं गया था तब तक मामले में कोई जांच शुरू नहीं हुई थी।
इसी कड़ी में धूमल ने कहा कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो प्रदेश के मुख्यमंत्री को यह बताना चाहिए कि उनके फेसबुक अकाउंट पर चार लोगों की फोटो किसने चढ़ाई। यहां तक की डीजीपी और एसआईटी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में जिन लोगों के नाम लेते हैं वह मुख्यमंत्री की चढ़ाई गई फोटोज़ से अलग थे।
अरुण ने कहा कि बात यहीं खत्म नहीं होती, जबकि मुख्यमंत्री को यह भी बताना चाहिए की सीबीआई ने पुलिस अधिकारियों के भी फोन और लैपटॉप कब्जे में लिए हैं जो कि प्रदेश की जनता के लिए अहम सवाल हैं जिसका जवाब मुख्यमंत्री दें। जेल में सूरज की हत्या होना और मुख्यमंत्री तक सबसे पहले इसकी खबर पहुंचना कई सवाल खड़े करता है कि क्या इस मामले में किसी हाई प्रोफाइल व्यक्ति का हाथ है और उसे बचाने के लिए पुलिस और सरकार भी साथ दे रही है?
गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश में गुड़िया मर्डर केस शायद आज तक का सबसे हाई प्रोफाइल मामला बनकर सामने आया है। इसी के चलते आज कोर्ट ने अपना फैसला भी सुनाया और सीबीआई को फटकार भी लगाई। सीबीआई के तथ्यों के आधार पर अब कल यानी शुक्रवार को माननीय उच्च न्यायालय पुलिस का पेशी शुरू करेगा।