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ममता में ‘ममत्व’ नहीं अपना नाम बदले ममता बनर्जी: श्याम जाजू

पी. चंद, शिमला |

बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्याम जाजू ने कहा कि अपनी हार से बौखलाहट में ममता बनर्जी मानसिक संतुलन खो बैठी है। लोकतंत्र में रोड़ शो करना और चुनाव प्रचार करना हर व्यक्ति का मूलभूत अधिकार है। लोकतंत्र का गला घोंट कर अपने राज्य में “हम करें सो कायदा“ चलाने वाली ममता को स्वार्थी वोट बैंक राजनीति के लिए किसी भी हद तक जाने की अनुमति भारत का लोकतंत्र नहीं देता।

उन्होंने कहा कि बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के रोड़ शो से जवाब देने के बजाये ममता राजनीति रोड़ पर लेकर आ गयी। उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान देश भर में गुंडो और बदमाशों को हिरासत में लिया जाता है। पश्चिम बंगाल में उन्हें बोंड पर रीहा करके मसल पावर का उपयोग अपने राजनीति के लिए तृणमूल कांग्रेस कर रही है।

उन्होंने कहा कि समाज सुधारक ईश्वर चंद विद्यासागर की प्रतिमा तृणमूल कांग्रेस के गुंडों ने तोड़ कर अमित शाह के रोड़ शो को बदनाम करने की कोशिश की है। इसके साथ ही राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्याम जाजू ने यह भी कहा है कि उत्तरी कोलकाता के फूल बगान में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की रैली पूर्व अनुमति होते हुए भी तृणमूल कांग्रेस के गुंडों ने सभा का मंच खड़ा करने वाले मजदूरों की पिटाई कर-कर उन्हें भगा दिया और मंच ध्वस्त कर दिया। इसलिए वो रैली भी रद्द करनी पड़ी।

उन्होंने कहा कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी द्वारा स्थापित भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीयवादी कार्यकर्ता पश्चिम बंगाल के समाज-सुधारक ईश्वर चंद विद्यासागर के अपमान करने की कभी सोच ही नहीं सकते। मूर्तियां व समाज-सुधारकों के चरित्र हनन में हम कभी विश्वास नहीं करते ऐसी घटनाओं से विचार कभी समाप्त नहीं होते।

श्याम जाजू ने कहा कि देश भर में हो रहे लोकसभा चुनावों के सभी चरणों में अकेले पश्चिम बंगाल में ही दंगे-फसाद क्यों हो रहे हैं। घिनौने हथकंडे अपना कर राजनीति में यश प्राप्त करने के दिन खत्म हो गये हैं। ममता का निम बनाकर अधिव्यक्ति स्वतंत्रिय का उपयोग करने वाली प्रियंका शर्मा के साथ बदसलूकी का व्यवहार हुआ। जेल में प्रताड़ना की गई यह घटना ऐमरजेसीं की याद दिलाती है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी उसको जेल से रिहा नहीं किया गया। यह सुप्रीम कोर्ट की अवमानना है। न्यायालय व चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक संस्थाओं पर बयानबाजी व आरौप कर-कर ममता अपने को सही साबित नहीं कर सकती। ममता को अपना नाम भी बदल देना चाहिए क्योंकि उनका व्यवहार और राजनितिक तौर-तरिके अपने नाम से मेल नहीं खाते, उसका ममता व करूणा से दूर-दूर तक वास्ता नहीं है।

बीजेपी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने कहा कि आजतक पश्चिम बंगाल में राज करने वाले लेफ्ट और कांग्रेसियों से भी घटिया व्यवहार इस शासनकाल में हो रहा है। लोकतंत्र के महासंग्राम में गुंडा-गर्दी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। पूरे देश में जो प्रतिक्रिया आई है उसकी दखल लेकर ममता अपने कार्यकाल में बदलाव लाये। देहश्त गाली-गलोच प्रशासन का दुरूपयोग संविधान की हत्या इससे पश्चिम बंगाल का विकास नहीं होने वाला है। उन्होंने कहा कि कोई भी शक्ति मानव अधिकार के अधिकारियों का हन्न नहीं कर सकती। उन्होंने कहा कि यह समरण रहे कि देश के लोगों ने इमरजेसीं के बाद ऐसी ताकतों को करारा तमाचा मार कर जवाब दिया गया था।