मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर अपने कार्यकाल का आखिरी एवं पांचवां बजट पेश कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने 11.02 बजे बजट पढ़ना शुरू किया। मुख्यमंत्री पौने 11 बजे विधानसभा परिसर में पहुंचे। सेवा सिद्धि के चार साल समृद्धि के मोदी के सूत्र वाकया को पढ़कर बजट पढ़ने की शुरुआत की। केंद्र सरकार में हिमाचल सरकार को पूंजीगत निवेश के लिए 600 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की है। केंद्र सरकार से राज्य को सुधारने का वित्तीय सहायता प्रदान हो रही है।
हिमाचल प्रदेश में नई बाल पोषण योजना आरंभ की जाएगी। यह योजना सात स्तंभों पर आधारित होगी। इस योजना में बच्चों में डायरिया, उपयुक्त प्रोटीन युक्त आहार, बच्चों गर्भवती धात्री महिलाओं में एनीमिया के उपचार के लिए विशेष प्रयास, उच्च रक्तचाप और अनीमिया से पीड़ित गर्भवती व धात्री दूध पिलाने वाली माताएं और कुपोषित बच्चों का सही उपचार होगा। इसके तहत 65 करोड़ का प्रविधान किया गया है।
हिमाचल प्रदेश में एक हजार आंगनबाड़ी भवन का निर्माण किया जाएगा। वर्तमान में 18925 आंगनबाड़ी केंद्रों में से केवल 2136 आंगनबाड़ी केंद्र विभागीय भवन में चलाए जा रहे हैं। माडल आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए 32 करोड़ खर्च किए जाएंगे। विधवा पुनर्विवाह के लिए अब 65000 रुपये मिलेंगे। पहले 50 हजार मिलते थे।
वृदावस्था पेंशन की आयु सीमा 60 वर्ष की गई। पहले यह आयु सीमा 70 वर्ष थी। सामाजिक सुरक्षा पेंशन के लिए चालीस हजार पात्र लोगों को पेंशन प्रदान की जाएगी। 850 से बढ़ाकर एक हजार की गई। दिव्यांगजनों व विधवाओं को दी जा रही पेंशन एक हजार से 1050 करने की घोषणा की। 70 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों को अब पंद्रह सौ रुपये की जगह 1700 मासिक पेंशन प्राप्त होगी। सामाजिक सुरक्षा पेंशन पर अब 1300 करोड़ खर्च होंगे।
12921 करोड़ रुपये के विकासात्मक परिव्यय प्रस्तावित हैं, जिसमें विकासात्मक करीब 9534 करोड़ रुपये के प्रस्तावित है। अनुसूचित जाति विकास कार्यक्रम के लिए 2400 तथा जनजाति विकास कार्यक्रम के लिए 865 करोड़ रुपये प्रस्तावित है। विधायक प्राथमिकता योजना के तहत 150 करोड़ का प्रविधान किया है। यह सीमा बढ़ाई गई है। विधायक क्षेत्र विकास निधि 1 करोड़ 80 लाख से 2 करोड़ की गई। विधायक ऐच्छिक निधि 1000000 रुपये से मिलकर 1200000 रुपये करने का निर्णय लिया गया। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि जब मैं सत्ता में आया था तब विधायक प्रतिनिधि 500000 थी।
मुख्यमंत्री गृहणी सुविधा योजना जारी रहेगी। अब तीन सिलेंडर मुफ्त दिए जाएंगे। अब एक अतिरिक्त सिलेंडर मिलेगा। पहले दो सिलेंडर मिल रहे थे। 15 करोड़ रुपये की लागत से दो अनाज मंडी बनाई जाएंगी। प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा, सौ गांवों में शुरुआत की जाएगी। दस मंडी में प्राकृतिक खेती के उत्पाद बिकेंगे। प्राकृतिक खेती को पाठयक्रम में शामिल किया जाएगा।
एक और पुष्प मंडी स्थापित होगी, इस पर 13 करोड़ खर्च होंगे। ड्रैगन फ्रूट की संभावनाओं को तलाशा जाएगा। परंपरागत मक्की के लिए दो करोड़ का प्रावधान किया गया। कृषि क्षेत्र के लिए 2022 में 583 करोड़ का प्रविधान किया गया है। मधुमक्खियों के विकास के लिए 4.50 करोड़ खर्च होंगे। प्रदेश में बागवानी नीति तैयार होगी। 543 करोड़ बागवानी के लिए खर्च होंगे।
गोवंश को लेकर सरकार वर्तमान कानून में कड़ा प्रविधान करेगी। यदि आवश्यकता हुई तो नया कानून बनाया जाएगा। पांच बड़ी गो सेंक्चुअरी बनाई जाएंगी। गोवंश को अब 500 रुपये के स्थान पर 700 रुपये का प्रविधान किया जाएगा। दूध की खरीद में दो रुपये प्रति लीटर की वृद्धि की घोषणा की गई। पात्र पशुपालन सहायक को फार्मासिस्ट के पद पर नियुक्त किया जाएगा। इसके लिए आवश्यकतानुसार संबंधित नियमों में बदलाव किया जाएगा। पशुपालकों की सहायता के लिए कॉल सेंटर स्थापित किए जाएंगे।