Follow Us:

संगठन में बदलाव और मंत्रिमंडल विस्तार न होना, कहीं भाजपा में नयी परेशानी न हो जाये शुरु

नवनीत बत्ता, हमीरपुर |

संगठन और सरकार में  बदलाव में देरी कहीं सरकार को भारी न पड़ जाए क्योंकि भाजपा के भीतर मंत्री बनने वालों की चाहत अब बढ़ती जा रही है। वहीं प्रदेश अध्यक्ष को लेकर भी अब धूमल के नाम से एक और बड़ी चुनौती जयराम ठाकुर के सामने आ चुकी है। हिमाचल प्रदेश भाजपा में बेशक त्रिलोक जमवाल की प्रदेश अध्यक्ष बनाने को लेकर लगभग सारी रूपरेखा संगठन की तरफ से फाइनल हो चुकी है। लेकिन इन सबके बीच में पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के मास लीडर के रूप में जाने वाले प्रेम कुमार धूमल का नाम एक बार फिर अध्यक्ष पद की दौड़ में आने से भाजपा में खुशी और सन्नाटा दोनों ही चीजें नजर आने लगे हैं।

बताते चलें कि भाजपा में प्रेम कुमार धूमल को मास लीडर के रूप में उसी तरीके से प्रदेश की जनता देखती है। जैसे कांग्रेस पार्टी में 6 बार मुख्यमंत्री रहे वीरभद्र सिंह को यही कारण है कि धूमल का नाम चलते ही नई भाजपा जिसमें धूमल समर्थकों को पूरी तरह से दरकिनार करने का प्रयास किया जा रहा है। ये कहीं ना कहीं चुप्पी साध  चुकी है और अंदर खाते हैं इस चर्चा को किसी भी रूप में विराम देने का प्रयास भी कर रही है। लेकिन लगातार प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर चल रही देरी अब कहीं जयराम ठाकुर की सरकार को भारी न पड़ जाए और जिस तरह से कहा जा रहा है कि अगर 2022 के चुनावों में भाजपा को प्रदेश में रिपीट होना है तो कद्दावर नेता को ही प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी जा सकती है। धूमल का नाम सबसे ऊपर माना जा रहा है और जिन नामों को लेकर प्रदेश भाजपा के भीतर चर्चा चल रही है। वह नाम कहीं भी पार्टी को प्रदेश में रिपीट करवाने में सक्षम है ऐसा नजर नहीं आ रहा।

इससे पहले भी जब हिमाचल प्रदेश का अध्यक्ष बदलने की बात चली थी। उस समय भी पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल का अध्यक्ष बनना तय माना जा रहा था। लेकिन सूत्र बताते हैं कि उस समय धूमल ने खुद ही इसमें रुचि नहीं दिखयी थी। इस बार भी जब उनसे इस विषय में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मुझे इस बारे में अधिक जानकारी नहीं है और मुझे मेरी जानकारी में भी सारा मामला मीडिया और सोशल मीडिया के माध्यम से ही आ रहा है और जो भी निर्णय होगा प्रदेश हाईकमान करेंगे और हम उनके निर्णय के साथ बंधे हुए हैं।।