एनडीए सरकार में मुख्यमंत्री रहे नीतीश कुमार शाम चार बजे एक बार फिर सीएम पद की शपथ लेंगे. नीतीश पहली बार साल 2000 में सात दिन के लिए मुख्यमंत्री बने थे. अगले 22 साल में अब तक वे कुल 6 बार सीएम पद की शपथ ले चुके हैं. यानी आज नीतीश कुल आठवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं. यह अपने आप में एक बड़ा रिकॉर्ड है, क्योंकि देश में सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने वाले नेता भी इतनी बार शपथ नहीं ले पाए हैं.
बिहार में नीतीश कुमार ओबीसी चेहरा हैं, बीजेपी के साथ लंबा वक्त रहे लेकिन विपक्ष नेताओं के बीच सेक्युलर नेता के तौर पर स्थापित रहे हैं. महिला वोटरों की ताकत, सुशासन म़ॉडल, वंशवाद से दूर, भ्रष्टाचार के दाग नहीं. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि क्या ये सभी तत्व नीतीश कुमार को 2024 के लोकसभा चुनाव में विपक्ष के बीच सर्वमान्य बनाकर नरेंद्र मोदी के सामने चेहरा बना पाएंगे या फिर नहीं. 17 सालों से बिहार की सत्ता के केंद्र में हैं.
जीतन राम मांझी के एक साल के कार्यकाल को छोड़ दें, तो नीतीश कुमार 2005 से लगातार राज्य के मुख्यमंत्री हैं. 2015 में राजद से और 2020 के विधानसभा में भाजपा से कम सीट मिलने के बावजूद दोनों ही पार्टियों ने नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाया.
तेजस्वी यादव ने मंगलवार को कहा कि नीतीश कुमार देश में अनुभवी मुख्यमंत्री हैं. उनके कहने का आशय यही था कि नयी राजनीतिक जमीन पर बनने वाली सरकार में विकास और प्रगति के मापदंड बनाए जायेंगे. बिहार की आकांक्षाओं को पूरा करने की चुनौती कहीं अधिक होगी
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